Edited By Kamini,Updated: 27 Jul, 2024 07:36 PM
प्रशासन द्वारा वातावरण तथा पर्यावरण को बचाने के लिए अनथक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके इलावा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं कि इस मानसून सीजन में करोड़ों अरबों रुपए लगाकर सरकारी महकमों को पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा।
लुधियाना/पटियाला (अशोक) : प्रशासन द्वारा वातावरण तथा पर्यावरण को बचाने के लिए अनथक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके इलावा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं कि इस मानसून सीजन में करोड़ों अरबों रुपए लगाकर सरकारी महकमों को पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए आम जनता को भी इस अभियान में शामिल होने तथा सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। प्रशासन द्वारा इन बड़े-बड़े दावों की पोल खोलती खबर पटियाला सरहिंद रोड की है जिसको चौड़ा करने का कार्य चल रहा है। जिसके लिए 7 हजार से अधिक संख्या में हरे भरे पेड़ तथा 20 हजार मिड साइज पेड़ काटने का कार्य जोर शोर से बिना किसी नियम के चल रहा है।
इस पेड़ों को काटने को लेकर समाजसेवी संस्थाओं तथा पर्यावरण प्रेमियों में खासा गुस्सा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए बनी समाज सेवी संस्था पंजाब एक्शन कमेटी के रंजोध सिंह ने कहा कि सड़के बनाए जाने से देश तरक्की की राह पर अग्रसर होता है लेकिन पर्यावरण की सुरक्षा को सुनिश्चित किए बिना तथा नियमों को दरकिनार करके नही होना चाहिए। अगर पेड़ों की कटाई को नहीं रोका गया तो हम बड़े स्तर पर संघर्ष करेंगे।
क्या तर्क दिए है पीएसी ने :
इस संबंध में पीएसी के सदस्य ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की गाइडलाइंस को अनदेखा किया गया है। जैसे एक पेड़ काटने के बदले उसी जगह पर 10 किलोमीटर के अंदर 10 नए पौधे लगाए जाने चाहिए, जबकि प्रशासन की और से नए पोधे होशियारपुर रोपड़ रोड के जंगल में लगाने की बात की जा रही है। दूसरा सरहिंद से पटियाला के लिए रोड के दोनो किनारे से सिर्फ एक एक लाइन के पेड़ काटे गए हैं, लेकिन पटियाला रेंज में पेड़ो की तीनों लाइनें काट रहे हैं। इसके साथ ही छोटे पौधे भी हजारों की संख्या में काटे जा रहे हैं। जिनको किसी और विकल्प से बचाया जा सकता है। इसके इलावा पीएसी के सदस्य कपिल अरोड़ा ने बताया कि एनजीटी के शर्तों के अनुसार कोई भी रोड चौड़ा करने से पहले जंगलात को पेड़ो के लिए अतिरिक्त जगह का अधिग्रहण किया जाता है, जबकि इस रोड को बनाने से पहले जगह नही लिए जाने के कारण पेड़ होशियारपुर रोपड़ के पास लगाए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि होशियारपुर रोपड़ में पहले से काफी पेड़ हैं, जबकि पटियाला में पेड़ो की काफी कमी है। एनजीटी में की शिकायत पर संबंधित अधिकारीयों को नोटिस जारी कर दिया गया है और अब जो पेड़ों को काटने के लिए दूसरा कटाई आदेश है उसके खिलाफ भी एनजीटी में एप्लीकेशन करने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से इस अंधाधुंध पेड़ों की कटाई पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है तथा नए पेड़ पटियाला के आसपास ही लगाने की गुहार लगाई है क्योंकि होशियारपुर से पाटियाला ऑक्सीजन कैसे आ सकती है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवालिया निशान:
इस बारे में जब डीएफओ पटियाला विद्या सगरी तथा सीजीएम संजय बंसल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जांच के जानकारी मुहैया कराई जाएगी, लेकिन दोबारा फोन उठाने की जेहमत नहीं उठाई। इसके साथ ही जंगलात मंत्री लाल चंद कट्टारूच्क से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस मामले में संबंधित अधिकारियों तथा मंत्री साहब की इस खामोशी पर सवालिया निशान लगाना स्वाभाविक है कि आखिर मीडिया को जानकारी क्यों नही दी जा रही।
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