Edited By Vatika,Updated: 06 Apr, 2023 12:47 PM

वैस्ट विधानसभा हल्के की वार्डबंदी अब दोबारा होगी , रिंकू के हिसाब से भी एडजस्ट करने पड़ेंगे कई वार्ड
जालंधर (खुराना): आम आदमी पार्टी ने वैस्ट विधानसभा क्षेत्र में बड़ा उलटफेर करते हुए पूर्व विधायक सुशील रिंकू को पार्टी में शामिल करके जहां उन्हें लोकसभा उपचुनाव हेतु हरी झंडी दे दी है , वहीं माना जा रहा है कि लोकसभा उपचुनाव के तुरंत बाद निगम चुनावों में भी अब नए-नए समीकरण बनने जा रहे हैं ।
फिलहाल निगम चुनावों की बात करें तो जालंधर निगम की वार्डबंदी लगभग तैयार है जिसे कोड आफ कंडक्ट खत्म होने के बाद डीलिमिटेशन बोर्ड की बैठक में पास किया जाएगा और उसके बाद नोटिफिकेशन करके चुनाव करवाए जाएंगे । चर्चा है कि अब वैस्ट विधानसभा क्षेत्र की वार्डबंदी दोबारा हो सकती है क्योंकि आप में शामिल हुए सुशील रिंकू के हिसाब से भी कई वार्डों को एडजस्ट करने की जरूरत पड़ेगी । खास बात यह है कि इस बार जालंधर निगम के अधिकारियों ने वार्डबंदी का जो प्रारूप तैयार किया है , उसमें आम आदमी पार्टी के नेताओं की ही भूमिका रही है और कांग्रेस के किसी नेता को वार्ड बंदी के नए नक्शे के निकट भी फटकने नहीं दिया गया ।आज तक वार्डबंदी की कोई डिटेल बाहर नहीं आई है और क्यास ही लगाए जा रहे हैं कि फ़्लां वार्ड काट कर दूसरे वार्ड में मिला दिया गया है । सुशील रिंकू के आप में आने से अब रिंकू के समर्थकों को निगम चुनावों में एडजस्ट करना भी आम आदमी पार्टी के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती होगी परंतु पार्टी नेतृत्व का सारा ध्यान इस समय लोकसभा उपचुनाव पर ही टिका हुआ है जिसे विपक्षी पार्टियों ने भी प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया हुआ है ।
चार टुकड़ों में बांट दिया गया है सुशील रिंकू की पत्नी का वार्ड
पूर्व विधायक सुशील रिंकू की धर्मपत्नी डॉ सुनीता रिंकू पिछले निगम हाउस में पार्षद थीं और बस्ती दानिश्मदां का प्रतिनिधित्व किया करती थी ।इस बार चंद महीने पहले अंगुराल परिवार की दखलंदाजी से जालंधर निगम की जो नई वार्डबंदी हुई , उसमें सबसे ज्यादा फोकस सुनीता रिंकू के वार्ड पर ही किया गया और एक सूचना के मुताबिक उस वार्ड को चार हिस्सों में बांट कर बिल्कुल ही खत्म कर दिया गया । ऐसा ही हश्र सुशील रिंकू के अन्य समर्थक कांग्रेसी पार्षद पद के उम्मीदवारों के वार्डों के साथ हुआ । अब जिस प्रकार आम आदमी पार्टी में सुशील रिंकू का वर्चस्व बन सकता है , उससे माना जा रहा है कि न केवल डॉ सुनीता रिंकू का वार्ड बल्कि वैस्ट विधानसभा के अन्य वार्डों की सीमाएं भी तबदील होंगी और निगम चुनावों में टिकट वितरण में भी रिंकू की भूमिका अहम रह सकती है ।
फिलहाल यह सारा समीकरण लोकसभा उपचुनाव के नतीजों पर भी निर्भर करता है ।