Punjab का ये जिला सबसे प्रदूषित शहरों की List में शामिल, बिगड़ रहे हालात...

Edited By Vatika,Updated: 04 Nov, 2024 02:48 PM

this district of punjab is included in the list of most polluted cities

अक्सर विवादों के घेरे में रहने वाला पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में बना रहता है।

लुधियाना: अक्सर विवादों के घेरे में रहने वाला पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) किसी न किसी बात को लेकर चर्चा में बना रहता है। जानकारी के मुताबिक शहर में अवैध इलैक्ट्रोप्लेटिंग यूनिट धड़ल्ले से चल रहे हैं जो जमकर प्रदूषण फैला रहे हैं लेकिन एस.डी.ओ. के पास चैकिंग करने का समय तक नहीं है। यही वजह है कि पी.पी.सी.बी. के अधिकारी अवैध इकाइयों को पकड़ने में असमर्थता के लिए हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं।

एक तरफ पी.पी.सी.बी. बंद होने की कगार पर पहुंच चुके डाइंग प्लांटों और सी.ई.टी.पी. पर सख्त कार्रवाई कर रहा है लेकिन दूसरी ओर, फोकल प्वाइंट फेज-3 और 4, शेरपुर कलां, शेरपुर खुर्द, सूआ रोड, ग्यासपुरा और ढंडारी कलां में कई अवैध इलैक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां चल रही हैं। इलैक्ट्रोप्लेटिंग इकाइयां लगातार प्रदूषित पानी फेंक रही हैं, इन्हें रोकने के लिए जिम्मेदार अफसर कुंभकर्णी नींद सो रहे हैं। स्थिति यह हो चुकी है कि लुधियाना देश टॉप-10 सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार हो चुका है।

प्लास्टिक कैरीबैग बनाने वाली इकाइयों को लेकर मूंदीं आंखें
सूआ रोड पर कई प्लास्टिक कैरीबैग निर्माण इकाइयां भी चल रही हैं और अधिकारियों ने आंखें मूंद ली हैं। इस वजह से शहर में प्लास्टिक कैरीबैग 50 माइक्रोन से भी कम बनाए जा रहे हैं जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। इसी कारण शहर में दुकानों पर धड़ल्ले से पॉलिथिन बैग आसानी से पहुंच रहा है और इसका इस्तेमाल भी धड़ल्ले से किया जा रहा है। उधर, जब सरकार सख्ती करती है तो पी.पी.सी.बी. के अधिकारी कुछ दुकानों पर चैकिंग कर 100-200 लिफाफे पकड़कर फोटो खिंचवाकर अपनी वाहवाही करवा लेते हैं, मगर जहां हजारों टन प्लास्टिक कैरीबैग बन रहा है, वहां ये अफसर कार्रवाई तो दूर, चैकिंग तक करना जरूरी नहीं समझते।

मलाईदार सीटों से नहीं छूट रहा पी.पी.सी.बी. अफसरों और मुलाजिमों का मोह
मलाईदार सीटों पर जमे पी.पी.सी.बी. के अफसरों और मुलाजिमों का तुरंत प्रभाव से तबादला करने की जरूरत है। कई अफसर और मुलाजिम एक सीट पर जमे हुए वर्षों बीत चुके हैं। इस कारण वे अब मनमानी पर उतर आए हैं और इकाइयों को प्रदूषण फैलाने का लाइसैंस तक दे चुके हैं। अगर पंजाब में प्रदूषित होते भूजल स्तर की स्थिति सुधारनी है तो पी.पी.सी.बी. में ईमानदार अफसरों की तैनाती करनी जरूरी है। मान सरकार को चाहिए कि इनकी तुरंत प्रभाव से बदली की जाए। इनकी जगह पर किसी ईमानदार अफसर-मुलाजिम को मौका दिया जाए, ताकि वे अपना काम पूरी तनदेही से करते हुए कड़े कदम उठा सकें।

अभी पराली प्रबंधन में व्यस्त हूं : एस.डी.ओ.
इस संबंध में जब फोकल प्वाइंट के एस.डी.ओ. को फोन किया गया तो उन्होंने नहीं उठाया। जब दूसरे नंबर से फोन किया गया तो उन्होंने कहा कि वह पराली प्रबंधन में व्यस्त हैं और उनके पास इकाइयों का निरीक्षण करने का समय नहीं है। उधर, सूआ रोड और ग्यासपुरा इलाके के एस.डी.ओ. ने भी फोन ही नहीं उठाया।

मामला मेरे ध्यान में है, होगी कार्रवाई : एस.ई.ई
उधर, इस संबंध में जब प्रदूषण बोर्ड के सीनियर एन्वायरनमैंटल इंजीनियर (एस.ई.ई.) रविंदर भट्टी को फोन किया गया तो उन्होंने कहा कि मामला अब उनके ध्यान में है और कार्रवाई की जाएगी।

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