Edited By Kamini,Updated: 05 Sep, 2025 06:03 PM

लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आफिस में पड़ी फाइल वर्क
बरनाला (विवेक सिंधवानी, रवि): सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर का बरनाला शहर की मुख्य सड़कों को चौड़ा करके उन्हें फोर लेन बनाने का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' अभी भी कागजों में ही अटका हुआ है। आईटीआई चौक से टी पॉइंट, कचहरी चौक से आईटीआई चौक और हंडियाया चौक होते हुए बरनाला सब-जेल तक की सड़कों को फोर लेन बनाने का काम जल्द शुरू होता नहीं दिख रहा है, जिससे लोगों में निराशा है।
पिछले विधानसभा चुनाव में 'आप' नेताओं ने इन सड़कों को चौड़ा करने का बड़ा वादा किया था और इसे शहर की यातायात समस्या का स्थायी समाधान बताया था। उन्होंने इस परियोजना को गुरमीत सिंह मीत हेयर के 'ड्रीम प्रोजेक्ट' के रूप में प्रचारित किया था। लेकिन अब जबकि सरकार का कार्यकाल समाप्त होने में डेढ़ साल से भी कम समय बचा है, इस परियोजना का पहला चरण भी पूरा नहीं हुआ है। शहर की इन मुख्य सड़कों पर सिंगल रोड होने के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं और ट्रैफिक जाम एक आम समस्या बन गई है। लोगों को आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परियोजना में हो रही देरी के कारण सड़कों पर यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे आम लोगों की परेशानी और बढ़ रही है।
कहां अटका है प्रोजेक्ट?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के शुरुआती चरण में वन विभाग ने सड़क किनारे लगे पेड़ों पर नंबर लगाए थे। सड़क चौड़ी करने के लिए इन पेड़ों को हटाया जाना है। इस कार्रवाई के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को प्रति पेड़ 15 रुपये और 2000 रुपये प्रोसेसिंग फीस वन विभाग में जमा करानी थी। हैरानी की बात यह है कि यह मामूली राशि भी पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा अभी तक जमा नहीं की गई है, जिसके कारण आगे की कार्रवाई रुकी हुई है।
इस संबंध में जब पीडब्ल्यूडी हाईवे के एक्सई विनीत सिंगला से बात की गई, तो उन्होंने पुष्टि की कि परियोजना अभी भी लंबित है। उन्होंने कहा, "इस परियोजना के लिए धनराशि जारी करने का मामला वित्त विभाग के पास लंबित है। वित्त विभाग से मंजूरी मिलने के बाद ही धनराशि जारी की जाएगी और हम अगली प्रक्रिया शुरू कर पाएंगे।" एक्सियन सिंगला के इस बयान से साफ है कि परियोजना का सबसे बुनियादी काम, यानी धनराशि की मंजूरी, अभी तक नहीं हो पाई है।
अगला चरण
अगर वित्त विभाग से मंजूरी मिल भी जाती है, तो भी इस परियोजना को पूरा होने में काफी समय लग सकता है। लोक निर्माण विभाग द्वारा धनराशि जमा करने के बाद, फाइल वन विभाग के पास जाएगी। वन विभाग पेड़ों को काटने की अनुमति देगा, जिसके बाद वास्तविक कार्य शुरू हो सकेगा। इस प्रक्रिया में काफी समय लगने की संभावना है। लोगों का कहना है कि सरकार को अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए तेजी से काम करना चाहिए। उनका सवाल है कि अगर छोटी-छोटी फीस और मंजूरियों में ही इतनी देरी हो रही है, तो पूरी परियोजना में कितना समय लगेगा। यह सिर्फ एक परियोजना का नहीं, बल्कि लोगों के भरोसे का भी मामला है।
क्या मीत हेयर का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' पूरा हो पाएगा?
अब सवाल यह उठता है कि क्या सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर अपने इस 'ड्रीम प्रोजेक्ट' को सरकार का कार्यकाल खत्म होने से पहले पूरा कर पाएंगे? या फिर बरनाला के लोगों को इन सिंगल लेन सड़कों पर और कितने साल ट्रैफिक जाम और हादसों का सामना करना पड़ेगा? इस प्रोजेक्ट की सफलता या असफलता 'आप' सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी से सीधा जुड़ा हुआ है।
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