Edited By Subhash Kapoor,Updated: 19 Jul, 2024 06:50 PM
जिला गुरदासपुर में रावी दरिया पर मकोड़ा पत्तन पर बना अस्थाई पलटून पुल बरसात के मौसस को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने उठा दिया गया है, जिसके चलते रावी दरिया के पार बसे 7 गांव के लोगों का पूरे देश से सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है, जिस कारण...
गुरदासपुर (विनोद): जिला गुरदासपुर में रावी दरिया पर मकोड़ा पत्तन पर बना अस्थाई पलटून पुल बरसात के मौसस को देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने उठा दिया गया है, जिसके चलते रावी दरिया के पार बसे 7 गांव के लोगों का पूरे देश से सड़क संपर्क पूरी तरह से टूट गया है, जिस कारण अस्थाई पुल न होने के कारण सातों गांव के लोगों का आना-जाना बंद हो गया है और लोगों को रावी दरिया के आरपार अपना सामान लाने और ले जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तथा लोगों का दरिया आर-पार करने के लिए अब एकमात्र सहारा किश्ती है। अब लोग किश्ती के जरिए सफर कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें-"पानी...पानी चिल्लाता रहा बेटा", मां बनी "हैवान"...देखिए बेरहम मां की विचलित कर देने वाली Video
इलाके के लोगों का कहना है कि आजादी के 76 साल बीत जाने के बाद भी रावी दरिया के पार बसे सात गांव के लोगों को पक्का पुल नसीब नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि रावी दरिया के पार बसे सात गावों के नौजवानों के साथ कोई लड़की शादी करने के लिए भी तैयार नहीं है। लोगों ने बताया कि लंबे समय से पक्के पुल की मांग की जा रही है जो कि अभी तक किसी भी सरकार ने पूरी नहीं की। रावी दरिया के उस पार बसे करीब 7 गांव तूर, चेबे, भरियाल, लसियान, कुकर, मम्मी चक्करंगा और कजले हैं, जिनके लिए अब कई माह तक एकमात्र सहारा सरकारी नाव है। लेकिन अगर रावी दरिया में पानी का बहाव ज्यादा हो तो यह किश्ती भी बंद कर दी जाती है और लोग एक टापू पर चार महीनों तक बंधक बन कर रह जाते हैं। हम लोगों का संपर्क देश से टूट जाता है और यह लोग पाकिस्तान की सरहद के बिल्कुल पास है। इन सात गांवों की भौगोलिक स्थिति एैसी है कि इनके तीन तरफ दरिया है जबकि चौथी तरह पाकिस्तान है।
यह भी पढ़ें-पंजाब School Teachers के Transfer को लेकर जारी हुए नए Order, पढ़ें...