Edited By Subhash Kapoor,Updated: 23 Jun, 2022 07:23 PM
संगरूर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव के नतीजों को पंजाब सरकार के तीन महीने के रिपोर्ट कार्ड से जोड़कर देखा जाएगा,
लुधियाना (हितेश) : संगरूर लोकसभा सीट पर हुए उप चुनाव के नतीजों को पंजाब सरकार के तीन महीने के रिपोर्ट कार्ड से जोड़कर देखा जाएगा, वहीं इन चुनावों के नतीजों से आम आदमी पार्टी के प्रति मुस्लिम व दलित समुदाय का रुझान भी साफ हो जाएगा, क्योंकि संगरूर लोकसभा सीट के अधीन आते 9 से 3 विधानसभा एरिया रिजर्व हैं और एक सीट पर बड़ी संख्या में मुस्लिम वोटर हैं। जहां तक 3 रिजर्व सीटों का सवाल है, उनमें दिढ़बा, महल कलां व भदौड़ में आम आदमी पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत हासिल हुई है।
इसी तरह मालेरकोटला में आम आदमी पार्टी को विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ जीत मिली है। अब लोकसभा चुनाव के नतीजों से साफ होगा कि इन सीटों पर आम आदमी पार्टी को कितना समर्थन मिलता है, जिसे सरकार की वर्किंग के प्रति मुस्लिम व दलित वर्ग के रूझान के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा दलित कार्ड खेलने के रूप में चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के अलावा भदौड़ से उम्मीदवार बनाया गया था, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ।
हालांकि विधानसभा चुनाव के दौरान डेरा फैक्टर काफी हावी रहा था, जिसके तहत कई डेरा दुआरा सियासी पार्टियों को खुलेआम समर्थन दिया गया है, लेकिन आम आदमी पार्टी की लहर के चलते किसी पार्टी को फायदा नहीं मिला। शायद यही कारण है कि संगरूर लोकसभा सीट पर उप चुनाव के दौरान किसी डेरा ने उम्मीदवारों को समर्थन देने की तस्वीर साफ नहीं की गई।