बहु-चर्चित ईसेवाल गैंगरेप मामलाः दोषी करार देते हुए अदालत ने सुनाया अहम फैसला

Edited By Urmila,Updated: 04 Mar, 2022 06:01 PM

the much discussed isewal gang rape case court gave an important verdict

बहु-चर्चित ईसेवाल गैंगरेप मामले में अदालत ने मिसाली फैसला सुनाते हुए 5 मुलजिमों को उम्र कैद की सजा और एक लाख रुपए जुर्माना लगाया है। इस मामले में एक नाबालिग मुलजिम को ...

लुधियाना (मेहरा/गौतम) : बहुर्चचित ईसेवाल गैंगरेप मामले में मानयोग जज अश्विनी शर्मा की  कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 5 दोषियों को उम्रकैद (जब तक मौत नहीं होती) व एक नाबालिग दोषी को 20 साल की कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट की तरफ से दोषियों को 1-1 लाख रुपए का जुर्माना भी किया गया है जोकि पीड़िता को दिया जाएगा। 

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गौर है कि माननीय  कोर्ट ने सोमवार को आरोपियों जगरूप सिंह रूबी, साजिद अली, अजय, शैफ अलीख, सरमू व एक नाबलिग को दोषी करार दिया था और 4 मार्च को सजा सुनाने का दिन तय किया था। इस केस को लेकर सुबह से ही कचहरी परिसर में चर्चा छिड़ी हुई थी। केस की सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी जगरूप सिंह रूबी को जमानत मिली थी लेकिन जैसे ही सोमवार को दोषी करार दिए गए तो दोषी को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था।

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उक्त दोषियों ने 9 फरवरी 2019  को कार में जा रहे नाबालिग लड़के व लड़की को पकड़ कर वारदात को अंजाम दिया था और क्रूरता से पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए थे। पुलिस ने उस समय आरोपियों के खिलाफ 341, 427, 364ए, 342, 354 बी, 376 डी, आईटी एक्ट व अन्य आईपीसी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था और बाद में धारा 397 को 395 में तबदील किया गया था। 

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बाद में पुलिस ने मामला दर्ज कर फोरेंसिक, टैक्नीकल व साइबर सैल की सहायता से दोषियों को गिरफ्तार किया था। पीड़िता के वकील जसप्रीत सिंह जस्सा को केस की सुनवाई के दौरान कई बार जान से मारने की धमकियां भी दी गई थी और इस संबंध में दो मामले भी दर्ज हुए थे। दोषी करार देने के बाद भी जगरूप सिंह ने वकील को धमकी दी गई थी। हालांकि इस मामले में पीड़ित परिवार की तरफ से दोषियों को फांसी की सजा की मांग की गई थी।

क्या था मामला
पीड़िता ने अदालत में दिए अपने बयानों में बताया था कि घटना वाले दिन 9 फरवरी 2019 को वह अपने दोस्त के साथ शाम करीब आठ बजे ईसेवाल साइड से लुधियाना की तरफ आए थे और ईसेवाल नहर से थोड़ा आगे जब वह चगना के पास पहुंचे तो उनके पीछे 1 मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवक जिनमें से एक पगड़ीधारी था, उन्होंने उनकी कार के शीशों पर ईंट मारी और उनकी कार का स्टीयरिंग पकड़ लिया और बाद में फोन करके 7 और युवक मोटरसाइकिलों पर बुला लिए। 

उन्होंने जबरदस्ती उसके दोस्त को खींचकर कार की पिछली सीट पर बैठा दिया और एक आरोपी ने उसे जबरदस्ती अपने ऊपर उठा लिया और उन्हें कार सहित उनका अपहरण कर एक खाली प्लाट में ले गए जहां उन्होंने उसके दोस्त को कार में बंधक बना लिया जबकि उसे खाली प्लट में ले जाकर जबरदस्ती करीब 10 व्यक्तियों ने उसकी इच्छा के विपरीत बारी-बारी से उसके साथ गैंगरेप किया और उन्हें छोड़ने के बदले उसके मित्र के एक दोस्त को फोन करने लगे और एक लाख रुपए की फिरौती की मांग की। जब उनका मित्र रुपए लेकर नहीं आया तो रात्रि करीब 2 बजे उन्होंने उनके कार की चाबी फेंक दी और खुद फरार हो गए। बाद में वे किसी तरह मुल्लांपुर एक ढाबे में पहुंचे जहां उन्होंने अपने दोस्त को सारी घटना बताई लेकिन अधिक रात्रि होने के चलते सभी अपने घरों में चले गए और अपने स्तर पर आरोपियों की जांच-पड़ताल करते रहे। 

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मामला पुलिस के पास आने के बाद मीडिया की सुर्खियां में आया तो पूरे पंजाब में हड़कंप मच गया। पुलिस ने पीड़िता का बयान लेने के साथ-साथ उसका मेडिकल भी करवाया। बाद में पुलिस ने अपनी टीम में बनाते हुए जांच के दौरान पीड़िता से आरोपियों के स्केच भी बनवाए जिसके आधार पर जांच करते हुए पुलिस द्वारा सबसे पहले सादिक अली निवासी नवांशहर को नामजद किया गया और बाद में पुलिस द्वारा कड़ियां जोड़ते हुए बाकी अन्य आरोपियों को भी मामले में नामजद करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और आखिरकार 3 अप्रैल 2019, को पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध अदालत में 450 पन्नों की चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई। इस मामले में मुख्य आरोपी जगरूप सिंह जिन्हें पुलिस द्वारा जांच के दौरान मोबाइल लोकेशन के आधार पर मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तर किया था उसको हाईकोर्ट द्वारा जमानत भी दी गई थी लेकिन अन्य आरोपी जेल में ही बंद थे। 

आरोपियों की ओर से अपने बचाव में कोई भी गवाह पेश नहीं किया गया। अदालत में सरकारी वकील बी.डी. गुप्ता की ओर से मामले को प्रभावशाली ढंग से रखते हुए अपने गवाह कलमबद्ध  करवाने के साथ-साथ ही अदालत में बहस के दौरान मामले से संबंधित एक-एक बात अदालत के सामने रखी गई और अदालत से आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील की गई। हालाँकि अदालत में सभी आरोपियों ने अपने आप को बेकसूर बताया और कहा कि उन्हें इस मामले में झूठा बताया गया है लेकिन अदालत में अपने पक्ष में कोई भी ठोस गवाह जब सबूत पेश करने में असफल रहे जिसके चलते अदालत ने आखिरकार उन्हें दोषी ठहराने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत में सजा सुनाए जाने के दौरान आज भारी भीड़ लगी हुई थी और अदालत के बाहर भी लोगों और मीडिया का भारी जमावड़ा लगा हुआ था। सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस आरोपियों को भारी पुलिस बल के बीच गाड़ी में बैठाकर जेल में ले गई और इस दौरान एक आरोपी की एक कैमरामैन के साथ झड़प भी होते-होते बचीं।

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