Edited By Kamini,Updated: 27 Sep, 2024 07:18 PM
पथरी के ऑपरेशन के लिए गुरदासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज आशुतोष महाजन को सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने जीवित होने का दावा अमृतसर अस्पताल रैफर किया गया था।
गुरदासपुर (विनोद) : पथरी के ऑपरेशन के लिए गुरदासपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज आशुतोष महाजन को सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने जीवित होने का दावा अमृतसर अस्पताल रैफर किया गया था। पंरतु आज सुबह अमृतसर के एक निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजन फिर से समाजिक संगठनों व किसान संगठनों के साथ आशुतोष के शव के साथ अस्पताल के पास बबरी बाईपास चौंक में बाहर धरने पर बैठ गए।
वहीं, परिवार के समर्थन में आए सैकड़ों सामाजिक नेताओं ने अमृतसर, पठानकोट नेशनल हाईवे और बब्बरी नाका को जाम कर दिया। मृतक के परिजन व संगठन आरोप लगाए जा रहे हैं कि युवक के जिंदा होने की उम्मीद दिखाकर परिवार को गुमराह कर शव के साथ अमृतसर भेज दिया गया। जबकि आशुतोष की गुरदासपुर में ही मौत हो गई। आरोप है कि निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने अपनी गलती छिपाने के लिए यह ड्रामा रचा था। बता दें कि आशुतोष के 2 छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनमें से बड़ी लड़की जिसकी उम्र करीब 12 साल है, गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उसे हर 2 से 3 महीने में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है।
दूसरी ओर आशुतोष परिवार में एकमात्र कमाने वाला था जो अपनी पत्नी, 2 बच्चों, एक छोटे भाई और एक बुजुर्ग मां की देखभाल भी कर रहा था। उसकी हालत को देख कर बीते दिन भी आशुतोष के परिवार वालों ने समाजिक व किसान संगठनों के साथ अस्पताल के बाहर धरना दिया था। पंरतु जब आशुतोष को अमृतसर रैफर कर दिया गया तो धरना समाप्त हो गया था, जो आज आशूतोष की मौत के बाद फिर से शुरू हो गया।
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