Edited By Urmila,Updated: 13 May, 2025 11:16 AM

पराली को आग नहीं लगानी चाहिए क्योंकि इसमें तरह का नुकसान होता है। यह वायु प्रदूषण, मिट्टी की उर्वरता में कमी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।
जालंधर (जसप्रीत): पराली को आग नहीं लगानी चाहिए क्योंकि इसमें तरह का नुकसान होता है। यह वायु प्रदूषण, मिट्टी की उर्वरता में कमी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है। शहर के वडाला चौक से कादियांवाली गांव की तरफ जाती सड़क पर प्रशासन से बिना किसी डर के प्रवासी खेतों में पराली को आग लगा रहा है। अब देखना होगा प्रशासन इस ओर कब ध्यान देता है, जिससे इन सब पर रोक लग सके और वातावरण प्रदूषित न हो सके।
बता दें कि राज्य सरकार की ओर खेतों में पराली को आग न लगाने के लिए सख्त आदेश जारी किए है। फिर भी लोग सरेआम आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। "ये सिर्फ खेतों में लगाई आग नहीं है... ये हमारी हवा में जहर घोल रही है, हमारी मिट्टी को बंजर बना रही है और हमारे बच्चों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रही है।" जैसे कि हम "सब जानते हैं कि पराली जलाना अवैध है, नुकसानदेह है – फिर भी सवाल ये है कि हम चुप क्यों हैं? प्रशासन मौन है, लेकिन क्या हम भी मूक दर्शक बने रहेंगे?" अब वक्त है जागने का। अगर आपके आसपास कोई पराली जला रहा है, तो चुप न रहें – रिपोर्ट करें। प्रशासन तक बात पहुंचाएं। पर्यावरण को बचाना सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं, हम सबकी जिम्मेदारी भी है।"
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