Edited By Urmila,Updated: 14 Oct, 2024 11:20 AM
बीते दिनों डी.जी.एस.ई. द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई जिसमें यह पाया गया कि लुधियाना जिले के स्कूलों द्वारा यू-डाइस पोर्टल पर सर्वे का काम बेहद धीमी गति से किया जा रहा है।
लुधियाना: जिला शिक्षा अधिकारी (सैकेंडरी) द्वारा जिले के सभी सरकारी, एडिड, आदर्श, प्राइवेट, मान्यता प्राप्त और गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को यू-डाइस सर्वे 2024-25 से संबंधित आंकड़े जल्द से जल्द अपडेट करने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
बीते दिनों डी.जी.एस.ई. द्वारा एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई जिसमें यह पाया गया कि लुधियाना जिले के स्कूलों द्वारा यू-डाइस पोर्टल पर सर्वे का काम बेहद धीमी गति से किया जा रहा है। रिपोर्टों के अनुसार जिले के 2789 स्कूलों ने अभी तक स्टूडैंट मॉड्यूल शुरू नहीं किया है, जबकि 465 स्कूलों ने टीचर्स मॉड्यूल को अपडेट नहीं किया है। इसके अलावा, 4 स्कूल ऐसे भी हैं जिन्होंने अभी तक प्रोफाइल और सुविधाओं का मॉड्यूल अपडेट नहीं किया है।
सर्वे पूरा करने का अल्टीमेटम
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि यह स्थिति स्कूलों द्वारा विभागीय निर्देशों की अनदेखी और लगातार हो रहे उल्लंघन को दर्शाती है। उन्होंने सभी स्कूलों के प्रिंसीपल्स और इंचार्जों को निर्देशित किया कि वे 15 अक्तूबर तक प्रोफाइल और सुविधाएं, टीचर्स मॉड्यूल और स्टूडैंट्स मॉड्यूल को स्कूल रिकॉर्ड के अनुसार अपडेट करना सुनिश्चित करें।
डाटा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी
इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया कि यू-डाइस सर्वे में गलत या अपूर्ण डाटा भरे जाने पर भविष्य में किसी भी प्रकार की चैकिंग (क्लस्टर, ब्लॉक, जिला या राज्य स्तर पर) के दौरान पाई गई त्रुटियों की पूरी जिम्मेदारी संबंधित स्कूल के प्रिंसीपल या इंचार्ज पर होगी। इसके लिए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
तकनीकी सहायता और बच्चों की एंट्री से जुड़े दिशा-निर्देश
विभाग द्वारा यह भी बताया गया कि जो बच्चे किसी अन्य स्कूल से आए हैं या पिछले स्कूल में नामांकित नहीं थे, उनका डाटा यू-डाइस में पुरानी स्कूल की 'ड्रॉपबॉक्स' सुविधा का उपयोग कर अपडेट किया जाए, ताकि डाटा में दोहराव न हो। इसके अलावा, यदि स्कूलों को डाटा भरने में किसी प्रकार की तकनीकी सहायता की आवश्यकता हो, तो वे अपने संबंधित ब्लॉक एम.आई.एस. कोऑर्डिनेटर से संपर्क कर सकते हैं। यह आदेश जिले के सभी सरकारी, एडिड, आदर्श, प्राइवेट, मान्यता प्राप्त और सोशल वैल्फेयर सोसाइटी के स्कूलों पर लागू होगा।
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