Edited By Urmila,Updated: 19 Dec, 2025 02:34 PM

उन्होंने घोषणा की कि इस फैसले के विरोध में 20 दिसंबर को लाडोवाल टोल प्लाजा पर सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक राज्य स्तरीय रोष रैली आयोजित की जाएगी।
संगरूर (विवेक सिंधवानी) : सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के प्रदेश प्रधान सचिव साथी चंद्र शेखर, टोल प्लाजा वर्कर यूनियन के प्रदेश प्रधान साथी दर्शन सिंह लाडी तथा प्रदेश जनरल सचिव साथी सुखजीत सिंह संधू ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा टोल प्लाजाओं को पूरी तरह कैशलेस कर सैटेलाइट डिजिटल सिस्टम से जोड़ने का फैसला मजदूर विरोधी और आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने वाला है। उन्होंने घोषणा की कि इस फैसले के विरोध में 20 दिसंबर को लाडोवाल टोल प्लाजा पर सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक राज्य स्तरीय रोष रैली आयोजित की जाएगी।
चयनित पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेताओं ने बताया कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा यह ऐलान किया गया है कि देश के सभी टोल प्लाजाओं को कैशलेस किया जाएगा और सैटेलाइट आधारित डिजिटल सिस्टम से जोड़ा जाएगा। इससे देशभर के टोल प्लाजाओं पर कार्यरत लगभग 10 लाख कुशल मजदूरों के बेरोजगार होने का खतरा पैदा हो गया है। इसके साथ ही देश की पूरी सड़क परिवहन व्यवस्था कुछ चुनिंदा कॉरपोरेट घरानों के नियंत्रण में चली जाएगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था के तहत टोल प्लाजाओं के आसपास के गांवों और कस्बों के वाहन चालकों को टोल फ्री सुविधा दी जाती है। इसके अलावा चार दर्जन से अधिक श्रेणियों की सेवाओं से जुड़े वाहन भी टोल से मुक्त हैं। लेकिन सैटेलाइट सिस्टम लागू होने के बाद ये सभी वाहन भी स्वतः टोल शुल्क के दायरे में आ जाएंगे। वाहन जितने किलोमीटर सड़क का उपयोग करेगा, उतनी राशि सीधे वाहन मालिक के बैंक खाते से काट ली जाएगी।
आगुओं ने स्पष्ट किया कि यह नई प्रणाली टोल प्लाजा कंपनियों से जुड़े चुनिंदा कॉरपोरेट घरानों को अरबों-खरबों रुपये का लाभ पहुंचाएगी, जबकि वाहन मालिकों और चालकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस तरीके से सस्ता और सुलभ परिवहन ढांचा उपलब्ध कराने की अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है। सीटू और टोल प्लाजा वर्कर यूनियन के नेताओं ने अन्य ट्रेड यूनियनों, मजदूर संगठनों तथा सभी किसान संगठनों से अपील की कि वे 20 दिसंबर को लाडोवाल टोल प्लाजा पर होने वाली इस रोष रैली में अधिक से अधिक संख्या में भाग लें और मजदूरों तथा आम जनता के हितों की रक्षा के लिए एकजुट हों। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने इस फैसले को वापस नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here