Edited By Vatika,Updated: 12 Dec, 2024 11:43 AM
बीमारियों से गंभीर अवस्था वाले मरीजों की कीमती जान बचाने के उद्देश्य के तहत गुरु नानक
अमृतसर(दलजीत): सड़क दुर्घटनाओं व अन्य बीमारियों से गंभीर अवस्था वाले मरीजों की कीमती जान बचाने के उद्देश्य के तहत गुरु नानक देव अस्पताल में अति-आधुनिक तकनीकों से लैस ट्रॉमा सैंटर बनाया जा रहा है। 59 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला ट्रॉमा सैंटर जून 2025 तक बनकर तैयार होने की उम्मीद है। उक्त सैंटर में ट्रॉमा सैंटर के अलावा एमरजैंसी भी मौजूद रहेगी। इसके साथ ही इसे तीन लेयर में बांटकर मरीजों को बेहतरीन सुविधाएं मुहैया करवाने की योजना है। अस्पताल प्रशासन द्वारा उक्त सैंटर को निर्धारित समय पर बनाने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है।
जानकारी के मुताबिक गुरु नानक देव अस्पताल में पहले ट्रॉमा सैंटर स्थापित नहीं था। अस्पताल में रोजाना ओ.पी.डी. में जहां 2000 से अधिक मरीज सेवाए लिए के लिए ही आते हैं, वहीं एमरजैंसी में करीब एक दर्जन मरीज भर्ती होते हैं। अस्पताल में अमृतसर के अलावा बाहरी जिलों के साथ-साथ बाहरी राज्यों से भी मरीज इलाज के लिए बड़ी संख्या में आते है। अस्पताल की एमरजैंसी में आने वाले गंभीर अवस्था वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार दिया जाता था व बाद में मरीज की हालत को देखते हुए उसको आई.सी.यू. में शिफ्ट किया जाता था। अस्पताल में जिस तरह से मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उसके अनूकूल आई.सी.यू. में बैडों की संख्या कम रही थी।
ट्रॉमा सैंटर में 3 जोन बनाने की योजना
कई बार तो मरीजों को आई.सी.यू.में बैड न मिलने कारण रैफर करना पड़ता था, लेकिन अब मैडीकल शिक्षा व खोज विभाग द्वारा सरकार मैडीकल कॉलेज के अधीन कैंसर इंस्टीच्यूट के पास ही ट्रॉमा सैंटर का निर्माण किया जा रहा है। यह सैंटर अति-आधुनिक तकनीकों से लैस होगा और इसमें 3 जोन बनाने की योजना है, सबसे गंभीर मरीजों को रैड जोन में रखा जाएगा। इस जोन में आधुनिक मशीनरी, न्यूरो सर्जन, ऑर्थो डॉक्टर, टैक्नीशियन और सहयोगी स्टाफ 24 घंटे मौजूद रहेंगे। येलो जोन और ब्लू जोन दोनों में घायल मरीजों को रखा जाएगा। ट्रॉमा सैंटर में एक्स-रे, सिटी स्कैन, एम.आर.आई., आई.सी.यू. वेंटिलेटर ऑक्सीजन आदि सहित एमरजैंसी मशीनरी आदि से लैस होगा।
2010 में अमृतसर सिविल अस्पताल में बनाया गया ट्रॉमा सैंटर बना सफेद हाथी
वर्ष 2010 में स्वास्थ्य विभाग द्वारा अमृतसर के सिविल अस्पताल में एक ट्रॉमा सैंटर का निर्माण किया गया था। आई.सी.यू. वार्ड बनाई गई, इसके साथ ही वैंटीलेटर भी इंस्टाल किए गए, लेकिन उस समय की सरकार द्वारा मशीनरी तो उपलब्ध करवा दी गई, लेकिन ट्रॉमा सैंटर को चलाने के लिए डाक्टरी सहायता नहीं दी गई। इसके कारण ट्रॉमा सैंटटर सिर्फ कागजों में ही सरकारी दावों का शिकार हो गया, लेकिन अब मैडीकल शिक्षा व खोज विभाग द्वारा बड़े स्तर पर प्रयास कर गुरु नानक देव अस्पताल में यह सैंटर खोलने की योजना है, जिसका काम काफी तेजी से चल रहा है।
अमृतसर और बाहरी जिलों के साथ-साथ नजदीकी राज्यों को भी मिलेगा फायदा
सरकारी मैडीकल कॉलेज के प्रिंसीपल डायरैक्टर डा. राजीव देवगन ने कहा कि ट्रॉमा सैंटर का कार्य निर्धारित समय तक पूरा होने की उम्मीद है। इस सैंटर का लाभ अमृतसर के साथ-साथ बाहरी जिलों के अलावा आसपास के राज्यों के मरीजों को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जंगी स्तर पर काम कर रही है और इस सैंटर में सड़क दुर्घटनाओं में घायल मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाएगा, साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ भी मरीजों को दिलाने का प्रयास किया जाएग। डा. देवगन ने कहा कि यह सैंटर बनने के साथ अस्पताल ओर अच्छे ढंग से मरीजों को सेवाएं देता हुआ नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।