SGPC इजलास: गुरुद्वारा एक्ट संशोधन बिल को लेकर बोले प्रधान हरजिंदर धामी

Edited By Urmila,Updated: 26 Jun, 2023 12:28 PM

sgpc meeting pradhan harjinder dhami spoke

अमृतसर में आज एस.जी.पी.सी. के जनरल हाउस की मीटिंग जारी है।

पंजाब डेस्क: अमृतसर में आज एस.जी.पी.सी. के जनरल हाउस की मीटिंग जारी है। विधानसभा में पास किए गुरुद्वारा एक्ट संशोधन बिल के खिलाफ इजलास बुलाया गया है। एस.जी.पी.सी. बड़ा फैसला लेने की तैयारी में नजर आ रही है। इजलास में जत्थेदार ज्ञानी रघबुरी सिंह, ज्ञान सुल्तान सिंह मौजूद, पूर्व प्रधान बीबी जागरी कौर और समूचे तौर पर आहुदेदार शामिल हैं। 

इस दौरान इजलास के शुरूआत में एस.जी.पी.सी. जनरल सचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने बोलते हुए कहा कि यह नेहरू व मास्टर तारा सिंह समझौते की उल्लंघना है। कानूनी दाव-पेच के साथ एस.जी.पी.सी. को हथियाने की साजिश की जा रही है। एस.जी.पी.सी. में दखल दिया जा रहा है। एस.जी.पी.सी. का सफर उतार-चढ़ाव में रहा है। 

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर धामी ने इजलास में कहा कि एस.जी.पी.सी. का इतिहास 103 वर्ष पुराना है। एस.जी.पी.सी. जमहूरी कमेटी है। उन्होंने कहा कि 1925 के एक्ट में सरकार को संशोधन करने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार धार्मिक ताकत हथियाना चाहती है। सी.एम. मान पुरातन पिरतां भूल गए हैं। सरकारी दखलअंदाजी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रधान धामी ने कहा कि एस.जी.पी.सी. विधानसभा में पास हुए संशोधन बिल को रद्द करती है। सरकार संशोधन बिल तुरंत वापस ले। उन्होंने कहा कि मास्टर तारा सिंह ने सरकारी कमेटी का विरोध किया था। दो तिहाई प्रस्ताव के साथ संशोधन किए जाने की व्यवस्था थी। 

धामी ने सी.एम.मान पर पलटवार करते हुए कहा कि वह 68 वर्ष के हैं और 41 वर्ष उन्होंने वकालत की है।  सी.एम. को तो दिल्ली से बाबू अरविंद केजरीवाल चलाते हैं। बाबू केजरीवाल जो बोलता है वह वही बोलते हैं। बाबू केजरीवाल ही बताते हैं कि उसने क्या-क्या बोलना है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को अधिकारों से बाहर जाकर गैर-संवैधानिक फैसला लेने का कोई अधिकार नहीं है। दिल्ली के बाबू आम आदमी पार्टी के प्रमुख सिख विरोध सोच लागू करके शिरोमणि कमेटी को हथियाने की कोशिश में है। 

 प्रधान धामी ने कहा कि विधानसभा में 20 जून को जो गुरुद्वारा संशोधन एक्ट पास किया एस.जी.पी.सी. उसे रद्द करती है। 1925 एक्ट में संशोधन एस.जी.पी.सी. की सिफारिश के साथ ही संभव है। सरकार की इस गैर-संवैधानिक हरकत को वह सिख विरोधी ऐलान करते हैं। विधानसभा में संशोधन बिल शिरोमणि अधिकार क्षेत्र और आजाद प्रतिनिध संस्था पर सीधा हमला है जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा संशोधन बिल तुरंत वापिस लिया जाए नहीं तो श्री अकाल तख्त से अरदास करके मोर्चा शुरू करेंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। इसी के साथ प्रधान धामी ने मुख्यमंत्री मान द्वारा केस की उल्लंघना, रागी सिंहों के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री और विधायक बुधराम को जनतक माफी मांगने के लिए कहा है।

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