Edited By Vatika,Updated: 21 Apr, 2025 06:44 PM

बड़ी जिम्मेदारी वाले पदों पर रहने और शेयर बाज़ार में कारोबार करने से रोक दिया है।
पंजाब डेस्कः देश के दिग्गज कारोबारी और इलेक्ट्रिक कैब सेवा के सह-संस्थापक अनमोल जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी नए विवाद में फंस गए है। आरोप है कि दोनों भाइयों ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए तय धन का दुरुपयोग किया, यहां तक कि उन्होंने इन पैसों से महंगे बंगले, आलीशान गाड़ियां सहित गोल्फ कोर्स भी बनवाया। सामने आई उक्त घोटालों के बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए अनमोल और पुनीत सिंह जग्गी को बड़ी जिम्मेदारी वाले पदों पर रहने और शेयर बाज़ार में कारोबार करने से रोक दिया है।
कंपनी के अधिकारियों ने कथित तौर पर बताया कि जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (Gensol Engineering Limited) और ब्लूस्मार्ट के जग्गी भाइयों ने 1,700 इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए 262 करोड़ रुपए के ग्रीन एनर्जी लोन का मिसयूज किया। इतने बड़े घोटाले के कारण न केवल निवेशकों का पैसा डूबा है, बल्कि वे अपने पदों से भी हटा दिए गए हैं, जिससे राइड-हेलिंग बाजार में खलबली मच गई है। ऐसे में Uber और Ola जैसे प्रमुख राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म को लाभ मिल सकता है। बता दें कि मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में अपनी सेवाओं को निलंबित करने के बाद, ब्लूस्मार्ट ने ग्राहकों से कहा है कि उनके इन-APP वॉलेट बैलेंस वापस करने में 90 दिन तक का समय लग सकता है।

कौन हैं अनमोल सिंह जग्गी?
अनमोल सिंह जग्गी अक्षय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में एक जाने-माने उद्यमी हैं। उन्होंने देहरादून के पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय (UPES) से एप्लाइड पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बी.टेक की डिग्री हासिल की है। 2019 में उन्होंने ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी की सह-स्थापना की, जिसे भारत का पहला पूरी तरह से इलेक्ट्रिक राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म बताया जाता है। उनके नेतृत्व में जेनसोल इंजीनियरिंग ने 15 गीगावाट से ज़्यादा अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को पूरा किया है और 4.5 गीगावाट के सौर ऊर्जा संचालन पोर्टफोलियो का प्रबंधन करती है।