Edited By Kamini,Updated: 13 Feb, 2023 09:43 PM

इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के करीब 2 दर्जन किसानों ने होशियारपुर में अपने 2 दिवसीय प्रवास के दौरान अलग-अलग गांवों का दौरा किया और कृषि संबंधी जानकारी हासिल की।
होशियारपुर (राजेश जैन) : इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और वेल्स के करीब 2 दर्जन किसानों ने होशियारपुर में अपने 2 दिवसीय प्रवास के दौरान अलग-अलग गांवों का दौरा किया और कृषि संबंधी जानकारी हासिल की। गांव छावनी कलां के युवा बागवान और ग्रामीण पर्यटन प्रमोटर हरकीरत अहलूवालिया ने साइट्रस काउंटी में बातचीत के दौरान ब्रिटिश किसानों से कहा कि वह यहां खेतों में मिट्टी के लिए संघर्ष कर रहे, मेहनती किसानों को देखकर विदेशी किसान काफी प्रभावित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि यहां के किसानों की जमीन की तुलना में 100 से 500 एकड़ तक के खेतों में खेती करते हैं। खास बात यह है कि ये साल में एक ही फसल लेते हैं। जिसमें गेहूं, जौ या आलू शामिल हैं। विदेशी किसानों के समूह में 50 फीसदी किसान डेयरी फार्मिंग से जुड़े थे। जॉन टॉवर और उनकी पत्नी अप्रैल ने कहा कि वे अपनी डेयरी में अच्छी गुणवत्ता वाले दूध का उत्पादन करते हैं। जो एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध कॉफी श्रृंखला को सप्लाई किया जाता है।
ब्रिटिश किसान रिचर्ड हेग और एलन जोन्स ने कहा कि उनके देश में खेती करना एक लाभदायक व्यवसाय नहीं है। क्योंकि पंजाब में किसानों को मुफ्त बिजली और खाद और कीटनाशकों पर भारी सब्सिडी मिलती है। यहां सरकारी सिस्टम भी किसानों की उपज की मार्केटिंग में काफी मदद करता है। लेकिन इसके विपरीत उनके देश में यह सब नहीं है। वह चंद लोगों की मदद से सैकड़ों एकड़ जमीन पर खेती करता है। इसका मुख्य कारण यह है कि यहां अत्यंत आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हैं। उन्हें अपनी कृषि आय पर कर चुकाना पड़ता है जबकि पंजाब या भारत में कृषि व्यवसाय कर मुक्त है। सरकार साल में सिर्फ एक बार उन्हें आर्थिक सहायता देती है। साल 2022 से सरकार ने इसे भी कम करना शुरू कर दिया है और 2027 में यह आर्थिक सहायता भी खत्म कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि यूक्रेन में युद्ध के कारण कृषि उत्पादों के दाम काफी बढ़ गए हैं, जिससे उन्हें अस्थायी तौर पर फायदा हो रहा है। मुनीश बख्शी को ब्रिटिश किसानों को उत्तर भारत के भ्रमण पर ले जाने के लिए गाइड के रूप में पर्यटन मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया है। मुनीश के मुताबिक, विदेशी किसान पंजाबी साग और मक्के की रोटी, चट्टी लस्सी और अन्य पंजाबी व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे हैं। सिट्रस काउंटी में उनके लिए पंजाबी संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
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