Edited By Kalash,Updated: 05 May, 2025 01:13 PM

किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जालंधर (चोपड़ा): पंजाब में खराब मौसम ने किसानों की चिंताओं को बढ़ा दिया है, क्योंकि किसानों की गेहूं की फसल अनाज मंडियों में पड़ी है। बारिश से गेंहू के गीला हो जाने से किसानों और खरीद एजेंसियों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसी कड़ी में डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले की सभी मंडियों में गेहूं की फसल को भीगने से बचाने के लिए तिरपाल का उचित प्रबंध करें। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि जिले की मंडियों में गेहूं की खरीद निर्बाध ढंग से जारी है और जिले की मंडियों में 4,95,326 मीट्रिक टन गेहूं की आमद हो चुकी है, जिसमें से 4,89,586 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद विभिन्न खरीद एजैंसियों द्वारा की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि पनग्रेन ने 1,59,967 मीट्रिक टन, मार्कफैड ने 1,33,969, पनसप ने 1,09,803, पंजाब स्टेट वेयरहाउस कार्पोरेशन ने 55,863, एफसीआई ने 25,601 मीट्रिक टन गेहूं की सरकारी खरीद की है, जबकि निजी व्यापारियों ने 4,382 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है। उन्होंने बताया कि खरीद की गई फसल का भुगतान भी साथ-साथ किया जा रहा है तथा 1152 करोड़ रुपए की राशि किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी गई है।
किसान खेतों में गेहूं की नाड को न जलाएं
डिप्टी कमिश्नर ने पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए उन्होंने किसानों से गेहूं की नाड व अन्य अपशिष्ट न जलाने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि आग लगाने से भूमि की उर्वरता कम होती है तथा मिट्टी में मौजूद मित्र कीट भी मर जाते है।
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