Edited By Kalash,Updated: 21 Oct, 2025 10:41 AM

सुल्तानपुर लोधी के अंतर्गत आने वाले गांव मसीत में एक अनहोनी घटना घटी, जिसने पत्थर दिल को भी रुला दिया।
सुल्तानपुर लोधी (धीर): सुल्तानपुर लोधी के अंतर्गत आने वाले गांव मसीत में एक अनहोनी घटना घटी, जिसने पत्थर दिल को भी रुला दिया। गांव के मौजूदा सरपंच हरमेश सिंह गोरा का इकलौता बेटा सुखविंदर सिंह सुख 20 साल का था, जिसकी मां का कोरोना काल में निधन हो गया था।
उक्त युवक गांव के श्मशान घाट में मृत पाया गया। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में गांव के नंबरदारों, पंचों और पूर्व सरपंचों ने बताया कि इस लड़के को कुछ महीने पहले गांव की पंचायत ने नशा छुड़ाने के लिए एक कैंप में भेजा था। अब उसने नशा करना पूरी तरह से छोड़ दिया है। सरपंच ने कई बार पुलिस को नशा तस्करों के बारे में सूचित भी किया है, सरपंच और पंचायत ने कई नशा तस्करों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन नशा तस्कर रिहा हो जाते हैं और कुछ समय बाद फिर से आ जाते हैं।
इस दुखद घटना के लिए गांव की पंचायत का सीधा आरोप है कि या तो सुखविंदर सिंह को कथित तौर पर नशीला इंजेक्शन दिया गया था या उसे मार दिया गया। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ एक परिवार का नहीं है। यह पंजाब के हर उस गांव की तस्वीर है जो नशे से लड़ रहा है, जहां सरपंच खुद नशा रोकने की कोशिश करता है, लेकिन फिर उसका अपना बेटा नशे की गिरफ्त में आ जाता है।
सरपंच हरमेश सिंह गोरा, जिन्होंने नशा तस्करों को अपने हाथों से पकड़ा था, आज अपने ही बेटे के शव को कंधे पर उठाकर श्मशान घाट ले जा रहे हैं। पंचायत सदस्यों ने बताया कि मसीता गांव के वर्तमान सरपंच हरमेश सिंह उर्फ गोरा के बेटे सुखविंदर सिंह सुख का निधन हो गया है। गांव की पंचायत ने आरोप लगाया है कि युवक की मौत नशे या नशीले पदार्थों के सेवन से हुई है या हत्या है क्योंकि सरपंच गांव से नशा खत्म करना चाहता था।
गांव वासियों का कहना है कि गांव मसीत में पिछले कुछ सालों में नशे की वजह से 12 नौजवानों की मौत हो चुकी है और अब तो 12 साल के बच्चे भी नशा करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा पंजाब कहां जा रहा है? पंचायत सदस्यों का सीधा सवाल सरकार से है कि जब हम नशा रोकने की कोशिश करते हैं तो हमें ही दुश्मन बना दिया जाता है। नशा बेचने वाले बच निकलते हैं और हमारे बच्चे मर जाते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा नशे के खिलाफ छेड़ी जा रही जंग का इन नशा तस्करों पर कोई असर नहीं दिख रहा है और गांवों में खुलेआम नशा बिक रहा है। उन्होंने सरकार और पुलिस प्रशासन से मांग की कि नौजवानों की मौत की तुरंत जांच हो और उचित कार्रवाई की जाए।
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