2020 में 33,615 एम.टी अफगानी प्याज आयात, फिर भी रिटेल में दाम 60 रुपए किलो

Edited By Sunita sarangal,Updated: 06 Dec, 2020 11:53 AM

retail price of onion is 60 rupees kg

कालाबाजारी कर रहे रिटेलर, अफगानी प्याज की लागत 20 रुपए किलो दलाल कर रहे जनता का शोषण

अमृतसर(नीरज): कोरोना काल के दौरान भारी आर्थिक संकट का सामना कर रही आम जनता को सब्जी रिटेलरों के आर्थिक शोषण का सामना करना पड़ रहा है। 

आलम यह है कि इस वर्ष पिछले तीन महीनों के दौरान यानि वर्ष 2020 में अब तक आई.सी.पी. अटारी बार्डर के रास्ते 33615 एम.टी (मीट्रिक टन) अफगानी प्याज का आयात हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी मार्कीट में अफगानी प्याज के दाम 50 से 60 रुपए प्रति किलो चल रहे हैं, जिससे रिटेल में प्याज की बिक्री करने वालों पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हालांकि इस समय अमृतसर जिले की सबसे बड़ी सब्जी मंडी वल्लां में राजस्थान, मध्यप्रदेश व नासिक से लोकल प्याज की आमद हो चुका है और भारतीय प्याज अफगानी प्याज की तुलना में अच्छी क्वालिटी का भी है, लेकिन इसके बावजूद कुछ जमाखोर कोरोना काल में जनता का शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं।  

प्याज की ब्लैक का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है कि जो अफगानी प्याज पाकिस्तान के रास्ते आयात किया जा रहा है, उसके आयात की लागत 20 रुपए किलो के करीब बनती है, अन्य खर्चे भी शामिल कर लिए जाएं तो इसकी लागत पर 25 रुपए किलो खर्च आता है, लेकिन रिटेल मार्कीट में यही प्याज 50 से 60 रुपए किलो के भाव में बेचा जा रहा है और इस कालाबाजारी को रोकने में जिला प्रशासन व सरकार की तरफ से कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं।

पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल व दिल्ली का इकलौता बार्डर है अमृतसर
प्याज की कालाबाजारी या फिर प्याज की ज्यादा डिमांड व सप्लाई इसलिए भी हो रही है, क्योंकि इस समय पूरे पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली जैसे राज्यों के लिए अमृतसर का अटारी बार्डर ही इकलौता बार्डर हैं जहां से आसानी के साथ अफगानी प्याज का आयात किया जा सकता है। पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के चक्कान दा बाग व स्लामाबाद बार्डर को बंद कर दिया था और यह खुलासा किया था कि इस बार्डर के बार्टर ट्रेड में नशीले पदार्थों व प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी पाकिस्तान से हो रही है। यदि यह दोनों बार्डर खुले होते तो जम्मू-कश्मीर को प्याज की सप्लाई इधर से हो जानी थी, लेकिन अब जम्मू-कश्मीर को भी अटारी बार्डर से आयात करके अफगानी प्याज की सप्लाई की जा रही है और हिमाचल व दिल्ली जैसे राज्यों को भी अमृतसर बार्डर से ही प्याज सप्लाई किया जा रहा है।

अभी भी काम नहीं कर रहा है आई.सी.पी. अटारी का ट्रक स्कैनर
एक ओर जहां आई.सी.पी. अटारी बार्डर पर अफगानी प्याज के ट्रकों का आयात जारी है तो वहीं दूसरी ओर आई.सी.पी. अटारी का ट्रक स्कैनर अभी भी काम में नहीं लाया जा रहा है, क्योंकि यह स्कैनर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। कस्टम विभाग पहले ही इस स्कैनर के ठीक ढंग से काम नहीं करने संबंधी हाथ खड़े कर चुका है और ऐसे हालात में अफगानिस्तान के ट्रकों की रैमजिंग (चैकिंग) करना विभाग के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। हालांकि अफगानिस्तान से हुई व्यापारिक संधि के तहत कस्टम विभाग अफगानी ट्रक की सौ प्रतिशत रैमजिंग नहीं कर सकता है, लेकिन फिर भी सही तरीके से फुलप्रूफ चैकिंग करने के लिए ट्रक स्कैनर का सही तरीके से काम करना जरूरी है। 

अफगानी ट्रकों में सोने व हैरोइन की तस्करी होने का भय
हाल ही में अफगानिस्तान से आयात किए गए सेब की पेटियों में कस्टम विभाग ने 33 किलो सोना पकड़ा था जिसको पेटियों के अन्दर बड़ी ही तरतीब से छिपाया हुआ था। पाकिस्तान से आयातित नमक की खेप से तो अब तक की हैरोइन की सबसे बड़ी खेप 532 किलो हैरोइन व 52 किलो मिक्सड नॉर्कोटिक्स पकड़ी जा चुकी है। अफगानी प्याज के ट्रक पाकिस्तान के रास्ते ही आते हैं ऐसे में सुरक्षा एजैंसियों को इस बात का भी भय है कि पाकिस्तान फिर से हैरोइन या सोने की खेप भेजने की कोशिश कर सकता है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!