Edited By Urmila,Updated: 13 Feb, 2023 01:12 PM
पावरकॉम के सरकारी विभागों पर 2600 करोड़ से अधिक के बिजली बिल बकाया है।
जालंधर : पावरकॉम के सरकारी विभागों पर 2600 करोड़ से अधिक के बिजली बिल बकाया है, लेकिन इसे वसूल किए बिना ही सरकारी दफ्तरों में प्री-पेड बिजली कनैक्शन लगाने का काम शुरू करवा दिया गया है। ऐसे में पुरानी राशि की वसूली कैसे की जाएगी, यह पावरकॉम के अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बन सकता है। केन्द्र की स्कीमों का लाभ लेने के लिए पावरकॉम द्वारा स्मार्ट मीटरों के जरिए प्री-पेड बिजली कनैक्शन लगाने की योजना को अमली जामा पहनाया जा रहा है। पंजाब में यदि प्री-पेड बिजली कनैक्शन लगाने का काम शुरू नहीं होगा तो पावर सैक्टर की अपडेशन के लिए मिलने वाले फंड लेना संभव नहीं हो पाएगा। इन फंडों को लेने के लिए लिए प्री-पेड बिजली की शुरूआत सरकारी दफ्तरों से की जा रही है।
विभाग इस क्रम में 1 मार्च से स्मार्ट मीटरों के जरिए प्री-पेड बिजली देने जा रहा है, इसके तहत संबंधित सरकारी दफ्तरों को प्री-पेड कनैक्शन रिचार्ज करने के लिए फंड का पहले इंतजाम करना होगा जोकि किसी चुनौती से कम नहीं है। मौजूदा समय में जो हालात है, उसके तहत सरकारी दफ्तरों को बिजली के बिल मिलने के बाद उसकी अदायगी करने में कई माह का समय लग जाता है। पावरकॉम को समय पर बिजली बिल अदा न करने के चलते कई बार सरकारी दफ्तरों के कनैक्शन भी काटे जा चुके हैं। नाम न छापने की सूरत में अधिकारियों का कहना है कि फंड का प्रबंध करना आसान नहीं होगा क्योंकि इसके लिए लंबा प्रोसैस करना पड़ता है।
बड़े सरकारी दफ्तरों का प्रति माह लाखों रुपए का बिजली बिल बनाता है। उक्त दफ्तर यदि 2-3 माह की जरूरत के लिए बिजली कनैक्शन रिचार्ज करवाता है तो उसे लाखों रुपए की जरूरत होगी। सरकारी दफ्तरों के कई अधिकारियों के पास लाखों खर्च करने की पावर नहीं है, ऐसे में हैड आफिस से फंड लेने पड़ते है। प्री-पेड बिजली के लिए इंतजाम करना संबंधित दफ्तरों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। पावरकॉम के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी दफ्तरों से रिकवरी करना बेहद मुश्किल रहता है, प्री-पेड बिजली सिस्टम शुरू होने से पावरकॉम के स्टाफ की परेशानियां कम होगी। यहां पर यह बड़ा सवाल है कि 2600 करोड़ से अधिक की रिकवरी पावरकॉम द्वारा कैसे की जाएगी।
मुफ्त बिजली के चलते घरेलू कनैक्शनों पर मीटर लगाना मुश्किल
पावरकॉम द्वारा मुफ्त बिजली योजना से पहले प्राइवेट सैक्टर में थ्री-फेस वाले मीटर कनैक्शनों को प्री-पेड करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन लोगों के विरोध के चलते इसे बीच में रोकना पड़ा। घरेलू उपभोक्ताओं को 600 यूनिट मुफ्त बिजली देने की प्रक्रिया के चलते पंजाब में प्री-पेड बिजली की योजना लागू हो पाना संभव नहीं है।
पंजाब में 50,000 स्मार्ट मीटर लगा चुका विभाग
चिप वाले स्मार्ट मीटर लगाने की बात सामने आने पर पंजाब में काफी हो हल्ला हो चुका है। केन्द्र द्वारा पिछले वर्ष पंजाब सरकार को मीटर लगाने के काम में तेजी लाने के लिए कहा गया था, जिसके बाद इसकी खिलाफत शुरू हो गई। सच्चाई यह है कि चिप वाले स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया कुछ साल पहले शुरू हो गई थी। इस क्रम में पंजाब मे अब तक करीब 50,000 स्मार्ट मीटर लग चुके है। महानगर जालंधर में 5000 से अधिक थ्री फेस स्मार्ट मीटर कार्य कर रहे हैं।
कर्मिशयल पर असमंजन, इंडस्ट्री को प्री-पेड करना संभव नहीं
विभाग के पास सरकारी दफ्तरों को प्री-पेड करने के अलावा अभी और कोई विकल्प शेष नहीं है। इस बारे में अधिकारी कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। सूत्रों का कहना है कि कर्मिशयल कनैक्शनों को प्री-पेड करने के बारे में विचार किया जा चुका है, लेकिन इसपर अभी असमंजस बना हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि इंडस्ट्री को प्री-पेड करना संभव नहीं है क्योंकि उनका बिल बेहद अधिक बनता है और पंजाब की इंडस्ट्री ऐसे हालातों में नहीं है कि वो प्री-पेड बिजली का इस्तेमाल कर सके।
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