Edited By Urmila,Updated: 28 Oct, 2024 11:51 AM
आबकारी विभाग और पुलिस की संयुक्त ऑपरेशन के बीच वेरका-मजीठा बाईपास पर स्थित कोठी से 854 अंग्रेजी शराब की बोतले और 35 क्वार्टर (पव्वे) बरामद हुए।
अमृतसर : आबकारी विभाग और पुलिस की संयुक्त ऑपरेशन के बीच वेरका-मजीठा बाईपास पर स्थित कोठी से 854 अंग्रेजी शराब की बोतले और 35 क्वार्टर (पव्वे) बरामद हुए। बड़ी बात है कि इस खेप के बीच बड़ी संख्या में शराब की महंगी विदेशी बोतले शामिल थी वहीं बाकी का कुछ स्टॉक हरियाणा से संबंधित था। संयुक्त टीम ने आरोपी मनीष कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक आबकारी विभाग को सूचना थी कि मनीष कुमार पुत्र तरविंदर कुमार निवासी गुरु रामदास एवेन्यू ने अपनी एक अलग तौर पर कोठी संधू एनक्लेव वेरका-मजीठा बाईपास में 63.(ए) किराए पर ले रखी है जहां पर वह दूसरे प्रदेशों से शराब दो नंबर में खरीद कर स्टोर कर लेता है और उसे ब्लैक में बेचता है। सूचना यह भी थी कि इस समय कोठी के बीच भारी मात्रा में शराब का स्टॉक पड़ा है। इस पर आबकारी विभाग के सहायक कमिश्नर अमृतसर रेंज सुखविंदर सिंह और जिला आबकारी अधिकारी गौतम गोविंदा के निर्देश पर टीम को भेजा जिसमें इंस्पेक्टर आरएस बाजवा और इंस्पेक्टर मोहित गुप्ता थे। उधर पुलिस की तरफ से ज्वाइंट ऑपरेशन में डीएसपी अमृतसर नॉर्थ मनिंदर पाल सिंह शामिल हुए।
एक्साइज और पुलिस की संयुक्त टीमों ने छापामारी करते हुए कोठी को जब खोला तो वहां पर शराब का स्टॉक मिला। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर स्टॉक कब्जे में लिया तो पता चला कि कई शराब की पेटीयां विदेशी हैं और कई बोतलों पर हरियाणा की मोहर लगी हुई थी, जो पंजाब में नहीं बिक सकती। शराब के स्टॉक में गैलेंलिविच स्कॉच (15 साल मेच्योर्ड), मंकी शोल्डर, चिवास रीगल, जॉर्डन, विलियम लॉसन, जॉनी वॉकर, गोल्ड लेबल रिजर्व, ग्लैमोरेजन, बेलेंटाइन जैसे ब्रांड बरामद हुए बताते चलें कि बीते सप्ताह में भी आबकारी विभाग और पुलिस की जॉइंट टीम ने 368 बोतल महंगी शराब बरामद कर ठेकेदार राजकुमार बब्बा और उसके साथी को गिरफ्तार किया था।
शराब तस्करों के निशाने पर अब महंगे ब्रांड !
सूत्रों से पता चला है कि पंजाब में दूसरे प्रदेशों की शराब का काम नया नहीं, बल्कि काफी देर से चल रहा है । इसमें ज्यादातर बिकने वाले ब्रांड "कैश" और काला घोड़ा होता है जिनकी दूसरे प्रदेशों में पेटी (12 बोतल) 12 से 1800 में मिल जाती है। उधर महंगी शराब की कई बोतले तो 4 और 5 हजार अथवा इससे भी ऊपर होती है। जानकार लोग बताते हैं कि जितना माल सस्ती शराब का एक ट्रक में आता है उतना महंगी शराब कर की डिक्की में आ जाती है। सस्ती शराब में मुनाफा दो नंबर के कारोबारी को 100 या 150 रुपए होता है वही महंगी शराब में यदि दूसरे प्रदेश अथवा चंडीगढ़ से आती है तो इसमें प्रति बोतल 2 से 3 हजार रुपए बच जाते हैं। यदि एक या दो बोतल किसी दो-पहिया वाहन में होम-डिलीवरी के लिए रखी हो तो अपराध के दायरे में भी नहीं आती क्योंकि दो बोतल तक शराब कैरी करना अपराध के दायरे में नहीं आता। इसी कारण अब अवैध शराब के तस्कर महंगी शराब को अधिक सुरक्षित समझते हैं।
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