Edited By Urmila,Updated: 01 Feb, 2025 12:18 PM
रूस की फौज में काम करते बताए जाते जिला मालेरकोटला के गांव कल्याण निवासी 27 वर्ष नौजवान बुद्ध राम सिंह का पिछले करीब एक वर्ष से परिवार के साथ कोई संपर्क नहीं है।
मालेरकोटला : रूस की फौज में काम करते बताए जाते जिला मालेरकोटला के गांव कल्याण निवासी 27 वर्ष नौजवान बुद्ध राम सिंह का पिछले करीब एक वर्ष से परिवार के साथ कोई संपर्क नहीं है और पीछे बूढ़े माता-पिता सरकारे दरबारे धक्के खा कर बेआस-उम्मीद हुए बैठे हैं। बुद्धराम सिंह के पिता परिवार के प्रमुख मजदूरी करके परिवार का गुजारा चलाने वाले बुजुर्ग गुरमेल सिंह कल्याण ने दुखी दिल और भरी आंखों के साथ बताया कि उनका नौजवान पुत्र परिवार के गुजारे का सहारा था और परिवार का गुजारा चलाने के लिए ही वह पहले बहरीन गया और फिर रशिया गया।
बुद्धराम सिंह 26 दिसम्बर, 2023 को रशिया गया था और वहां जाने के कुछ ही समय बाद, उसे फोन आया कि वह रूसी सेना में शामिल हो गया है और उसने उन्हें अपनी तस्वीरें भी भेजीं। उन्होंने कहा कि परिवार के जीवनयापन के लिए कुछ पैसे भी भेजे और फिर 26 मार्च, 2024 को उन्हें एक कॉल आया कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है और वह 15 दिनों के लिए सीमा पर जा रहे हैं और उसके बाद से आज तक उन्हें उनकी ओर से कोई कॉल या संदेश नहीं मिला।
बुद्धराम सिंह की मां सिंदरपाल कौर ने कहा कि उनके बेटे ने कहा था कि मां, चाहे वह विदेश में कितना भी कठिनाई में रहूं, वह परिवार के चूल्हे की आग को ठंडा नहीं होने देगा। सरकार ने उनके बेटे को ढूंढ सकती थी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी, उनका बेटा मिला है और न ही उनसे संपर्क किया गया है।
उन्होंने कहा कि अब उन्हें जालंधर के एक नौजवान ने सोशल मीडिया के द्वारा एक अखबार की खबर भेज कर बताया है कि रशिया में लापता भारतीयों को ढूंढने के लिए परिवार के जरूरी टैस्ट करने की बात चल रही है। इस खबर ने उनकी चिंता ओर बढ़ा दी है परन्तु उन्होंने कहा कि वह अनपढ़ हैं उन्हें तो यह भी नहीं पता कि कहां जाना, किसको कहना और उनके साथ किसी मंत्रालय, सरकार या अम्बैसी ने कोई संपर्क नहीं किया और कौन से लोगों के टैस्ट होंगे उन्हें अभी तक किसी ने कुछ नहीं बताया।
उल्लेखनीय है कि बुद्धराम सिंह का परिवार श्रमिकों का परिवार है और बुद्धराम सिंह के 2 भाई हैं, जिनमें से एक विकलांग है और एक बहन है। बुद्धराम सिंह के माता पिता ने सरकार से अपील की गई है कि उनकी मदद की जाए और उनको विदेश मंत्रालय की तरफ से मौजूदा स्थिति बारे बताया जाए। इलाके के लोगों ने भी सरकार और समाज सेवीं संस्थाओं से अपील की है कि आर्थिक और मानसिक परेशानी के साथ जूझ रहे और दिन रात अपने पुत्र के आने की आशा में दरवाजे की तरफ झांक रहे बुद्धराम सिंह के बूढ़े माता पिता के नौजवान पुत्र को ढूंढने के लिए उनकी मदद की जाए।
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