Edited By Vatika,Updated: 08 Aug, 2025 11:06 AM

पंजाब सरकार ने तहसीलों और सब-तहसीलों में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों
जालंधर (चोपड़ा): पंजाब सरकार ने तहसीलों और सब-तहसीलों में लगातार सामने आ रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए एक और बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। राज्य के रेवेन्यू पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन विभाग (स्टाम्प एवं पंजीकरण शाखा) की ओर से राज्य भर के डिप्टी कमिश्नरों को आदेश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने जिलों में तहसीलदार/नायब तहसीलदार कार्यालयों में तैनात टेक्निकल असिस्टेंटों और सेवादारों का तुरंत तबादला सुनिश्चित करें।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि तहसीलों में तैनात कई टेक्निकल असिस्टेंट और सेवादार वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। इस लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने स्थानीय दलालों, प्रॉपर्टी डीलरों व अन्य कर्मचारियों के साथ गठजोड़ बना लिया है, जिससे पब्लिक डीलिंग के हर स्तर पर भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो गई हैं। सरकार का मानना है कि यह स्थायी तैनाती ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है, जिसके कारण आम जनता को मामूली कामों के लिए भी परेशानियों और रिश्वतखोरी का सामना करना पड़ता है। विभाग ने निर्देश दिया है कि टेक्निकल असिस्टेंटों को ऐसे स्थानों पर न भेजा जाए जहां वे पहले तैनात रह चुके हों, खासकर उन कार्यालयों में नहीं जिन्हें वे व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल करते आए हैं। इसके अतिरिक्त, बड़े स्टेशनों पर तैनात कर्मचारियों को छोटी तहसीलों में भेजने की प्राथमिकता देने का निर्देश भी दिया गया है, जिससे भ्रष्ट तंत्र को तोड़ा जा सके और नए अधिकारियों को निष्पक्ष कार्य करने का अवसर मिले।
सब रजिस्ट्रार/नायब तहसीलदार कार्यालयों में भी सख्ती, दोबारा तैनाती पर रोक
सरकार ने तहसीलदार और नायब तहसीलदार कार्यालयों में पहले से कार्यरत कर्मचारियों को फिर से वहीं तैनात करने से सख्त मना किया है। आदेश के अनुसार ऐसे कर्मचारियों का तबादला किसी अन्य तहसील में किया जाए ताकि वे अपने पूर्व गठजोड़ का इस्तेमाल कर भ्रष्ट गतिविधियों को अंजाम न दे सकें। सरकार का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि नई पोस्टिंग से प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़े, जिससे जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें।