Edited By Vatika,Updated: 27 Nov, 2024 03:19 PM
जाना बढ़ रही ठंड और कोहरे ने जहां लोगों के आम जीवन को अस्त-व्यस्त करना शुरू कर दिया है,
पंजाब डेस्क: रोजाना बढ़ रही ठंड और कोहरे ने जहां लोगों के आम जीवन को अस्त-व्यस्त करना शुरू कर दिया है, वहीं इसके कारण बच्चों और बुजुर्गों को गले में खराश, सांस की बीमारी, छाती के रोग और निमोनिया जैसी बीमारियां घेरनी शुरू हो गई हैं। यहां तक कि उनका घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इन सबके बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने की हिदायत दी है।
बच्चे हो रहे अलग-अलग बीमारियों के शिकार
बढ़ रही सर्दी ने छोटे और नवजात बच्चों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में डाल दिया है, जिसके कारण वे निमोनियां के अलावा, छाती की बीमारियों, सर्दी, तेज बुखार, सांस लेने की समस्याओं, पेट की बीमारियों से पीड़ित हैं। इस बीच बच्चों की तबीयत खराब होने के कारण उन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर होना पड़ता है। इन बीमारियों के कारण अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। इस बारे में बात करते हुए बच्चों के रोगों के विशेषज्ञ डॉ. राज कुमार पूनिया ने कहा कि बढ़ती सर्दी के कारण तापमान में काफी गिरावट आई है, जिसके कारण बच्चे विभिन्न बीमारियों से घिरने लगे हैं। उन्होंने बच्चों के अभिभावकों से अपील की कि वे सर्दी में बाजार के सामान से परहेज करें और बच्चों को गर्म कपड़े डाले।
बच्चे के मुंह को ज्यादा न ढकें
सिविल अस्पताल तरनतारन में बच्चों के रोगों के विशेषज्ञ डॉ. नीरज लता ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ठंड के मौसम में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाना जरूरी है। इसके साथ ही बच्चे को ठंड से बचाने के लिए उसके सिर और पैरों को गर्म कपड़ों से ढंकना चाहिए। डॉ. लता ने माताओं से पुरजोर अपील करते हुए कहा कि बच्चों के मुंह को उतना ही ढकना चाहिए, जिसमें उसका सांस लेना आसान हो सके। उन्होंने कहा कि सिविल अस्पताल में बच्चों की बीमारियों से संबंधित मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है। इस बीच बच्चों में छाती की बीमारियों के अलावा तेज बुखार, पेट खराब, सर्दी और निमोनिया की शिकायतें ज्यादा मिल रही हैं। इस संबंध में सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए उपकरणों की मदद से उनका इलाज किया जा रहा है, जो उपयोगी साबित हो रहा है।
बच्चों के खान-पान का विशेष ध्यान रखें
सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह रॉय ने कहा कि बच्चों को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें घर पर ही रखना बेहतर है। इसके साथ ही बच्चों को बाजार की चीजें देने से बचना चाहिए और इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में मौजूद विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के निर्देशानुसार अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा बच्चों का बेहतरीन तरीके से इलाज किया जा रहा है।