Edited By Sunita sarangal,Updated: 13 Nov, 2022 03:11 PM

उन्होंने जानकारी देते बताया कि पर्यावरण और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक नोटिफिकेशन जारी की गई है।
पंजाब डैस्क: पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला कम नहीं हो रहा है। जानकारी के अनुसार गत दिवस भी राज्य में पराली जलाने के 2467 मामले सामने आए थे। पराली की समस्या से निपटने के लिए पंजाब की मान सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। पंजाब केसरी को सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब ईंटों के भट्ठों में ईंधन के लिए पराली का इस्तेमाल करना सरकार ने जरूरी कर दिया है। इस बात की जानकारी पर्यावरण एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने दी।
उन्होंने जानकारी देते बताया कि पर्यावरण और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों के अनुसार एक नोटिफिकेशन जारी की गई है। इस नोटिफिकेशन के अनुसार ईंट भट्ठों में 20 प्रतिशत तक पराली का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाएगा। इसके लिए भट्ठों को 6 महीने का समय भी दिया गया है। इसके बाद 1 मई, 2023 से इन आदेशों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होगी। धान की पराली के प्रबंधन में जुटी मान सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पिछले काफी समय से सरकार पराली की समस्या से निपटने का लगातार प्रयास कर रही थी।
पराली जलाने वाले किसान भी मजबूर ही हैं क्योंकि पराली का सही समय पर निपटारा न हुआ तो उन्हें फसल की बुवाई करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए किसानों को अपने खेतों में आग लगाने पड़ती है लेकिन अब इस फैसले से जहां किसानों को कुछ आमदनी प्राप्त होगी वहीं पराली का भी ठीक से निपटारा हो जाएगा। इससे पंजाब में बढ़ रही प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिलेगी। इतना ही नहीं सरकार ने ईंट भट्ठों को हर तरह की तकनीकी सहायता मुहैया करवाने का भी आश्वासन दिया है। सभी डिप्टी कमिश्नरों को भी इन निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है।
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