Edited By Subhash Kapoor,Updated: 28 Feb, 2025 07:37 PM
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तहसीलदार जगसीर सिंह जिसने गांव नूरपुर बेट में स्थित एनआरआई की करोड़ों रुपए कीमत वाली जमीन का फर्जी वसीका रजिस्टर्ड किया था, ने विजिलेंस कार्रवाई के खतरे को पहले ही भांपते हुए ना सिर्फ अगले दिन ही तीन दिन की छुट्टी भर दी थी बल्कि वीरवार को उसने...
लुधियाना ( पंकज ): तहसीलदार जगसीर सिंह जिसने गांव नूरपुर बेट में स्थित एनआरआई की करोड़ों रुपए कीमत वाली जमीन का फर्जी वसीका रजिस्टर्ड किया था, ने विजिलेंस कार्रवाई के खतरे को पहले ही भांपते हुए ना सिर्फ अगले दिन ही तीन दिन की छुट्टी भर दी थी बल्कि वीरवार को उसने तत्काल रिटायरमेंट के लिए अप्लाई कर दिया !
तहसीलदार जगसीर सिंह जोकि कांग्रेस सरकार में खुद को एक मंत्री का करीबी रिश्तेदार बताता था और इस दौरान ना सिर्फ वो खुद प्राइम पोस्टों पर तैनात रहा, बल्कि किस तहसीलदार या नायब तहसीलदार की पोस्टिंग कहा होनी है, इसका भी उसे पहले से पता होता था। एनआरआई दीप सिंह पुत्र रंजीत सिंह निवासी मुलापुर की गांव नूरपुर बेट में पड़ी 14 कनाल जमीन जिसकी कीमत करोड़ों रूपए में है, का 11 फरवरी 2025 को वसीका नंबर 2024 के माध्यम से खरीददार दीपक गोयल पुत्र बलदेव कृष्ण निवासी पंचकूला के नाम पर रजिस्टर्ड करने वाले तहसीलदार जगसीर सिंह को उसी दिन साफ हो गया था कि इस मामले में वो बुरी तरह से घिरने वाले है। जब 25 फरवरी को अचानक विजिलेंस टीम ने तहसील में पहुँच इस मामले की जाँच शुरू करते हुए उनके बयान लिए थे। इस घटना के अगले दिन ही जगसीर सिंह ने डीसी के पास तीन दिन 26 फरवरी से 3 मार्च की छुट्टी अप्लाई कर दी जिसमें उसने विदेश में रहने वाली करीबी रिश्तेदार के चंडीगढ़ में आकर ऑपरेशन करवाने की बात का जिक्र किया था। यह सारा घटनाक्रम उस समय घूम रहा था जब एनओसी में मिली छूट के अंतिम दिन चल रहे थे और तहसीलों में वसीके रजिस्टर्ड करवाने वालो की भीड़ जुट रही थी, हालांकि तहसीलदार ने डीसी के पास 3 मार्च तक की छुट्टी अप्लाई की थी लेकिन 27 फरवरी वीरवार को अचानक उसने तुरंत रिटायरमेंट के लिए अप्लाई करते हुए तीन माह की तनख्वाह जो की लगभग साढ़े चार लाख के करीब बनती है भी तुरंत अदा कर दी ! पूरी नौकरी दौरान एहम पोस्टों पर काम करने वाले जगसीर सिंह जिसने इसी वर्ष जून माह में रिटायर होना था, द्वारा फर्जी वसीका रजिस्टर्ड करने के मामले में विजिलेंस द्वारा की जा रही कार्रवाई के खतरे को भांप पहले ही रिटायरमेंट के लिए अप्लाई कर साफ कर दिया था की दाल में कुछ काला जरूर है !
तहसीलदार जगसीर सिंह का विवादों से लम्बा रिश्ता
तहसीलदार जगसीर सिंह का विवादों के साथ चोली दामन का साथ है। नायब तहसीलदार नाभा और धार कला ( पठानकोट ) रहते हुए इस पर ना सिर्फ गलत ढंग से जमीन की तकसीम करने के आरोप लग चुके हैं, बल्कि खुद विजिलेंस डायरेक्टर अरुण सैनी द्वारा वर्ष 1 जून 2023 में निकाली गई भ्र्ष्ट तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की लिस्ट में भी जगसीर सिंह का नाम पहले नंबर पर था। तहसीलदार जगसीर सिंह वही अधिकारी हैं, जिसने कुछ माह पहले ही मुख्य सचिव को एक पत्र भेज शिकायत की थी पश्चिम तहसील में उसकी तैनाती के बाद से दलाल किस्म के कुछ लोग उसे ब्लेकमेल कर रहे हैं। पहले पूर्वी और रायकोट के बाद फिर पश्चिमी तहसील में कार्यरत जगसीर सिंह का लुधियाना से विशेष लगाव किसी से छिपा नहीं है। जगसीर सिंह के खिलाफ उसी के ड्राइवर द्वारा भी संगीन आरोप लगाए जा चुके है, इसी के साथ आमदन से ज्यादा सम्पति बनाने के आरोपों में भी उसके खिलाफ विजिलेंस में शिकायते हो चुकी है !