Edited By Sunita sarangal,Updated: 11 Oct, 2020 10:08 AM
इन शब्दों का प्रगटावा मानसा में 10वें दिन जारी रेल ट्रैक पर लगाए गए धरने दौरान नर्मदा बचाओ आंदोलन सहित दलितों, आदिवासियों.........
मानसा(मनजीत कौर): देश के 250 किसान संगठनों ने किसानों के कर्ज माफी और फसलों का समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) लेने के लिए संघर्षशील हैं परंतु मोदी सरकार किसानी मांगें स्वीकृत करने की बजाय कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने की नीयत से कृषि विरोधी कानून गैर कानूनी ढंग से पास करके देश की किसानी को तबाह करने पर तुली हुई है।
इन शब्दों का प्रगटावा मानसा में 10वें दिन जारी रेल ट्रैक पर लगाए गए धरने दौरान नर्मदा बचाओ आंदोलन सहित दलितों, आदिवासियों, किसानों, मजदूरों व महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर जन आंदोलन चलाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने किसानों को संबोधित करते हुए किया।
मेधा पाटकर ने कहा कि अंबानी-अंडानी देश के लोकतंत्र को दीमक की चाट रहे हैं क्योंकि किसान डेढ़ गुणा फसल कीमत मांग रहे हैं जबकि अंबानी-अंडानी सौ गुणा कमाई कर रहे हैं। इस समय किसानों को तोडऩे के लिए नामात्र एम.एस.पी. घोषित की गई है। जिसका सीधा मतलब है कि किसानों की जमीन छीनी जा सके। आखिर में उन्होंने किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं को राजनीतिक हत्याएं करार देते हुए कहा कि यदि जनतंत्र मजबूत होगा तो लोकतंत्र बचेगा।