पंजाब में Registry करवाने वाले दें ध्यान! नए आदेश जारी, अब खड़ी हुई ये मुसीबत

Edited By Kalash,Updated: 24 Apr, 2025 01:34 PM

property registration people trouble

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन का काम तहसीलदारों से वापस लेकर नायब-तहसीलदारों को सौंपने के बाद जालंधर के सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में जब नए ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रारों ने चार्ज संभाला तो उनके सख्त रुख ने सिस्टम की दशा-दिशा...

जालंधर (चोपड़ा): पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रेशन का काम तहसीलदारों से वापस लेकर नायब-तहसीलदारों को सौंपने के बाद जालंधर के सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में जब नए ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रारों ने चार्ज संभाला तो उनके सख्त रुख ने सिस्टम की दशा-दिशा ही बदल डाली। हालांकि यह सख्ती सरकारी नियमों की अनुपालन के तहत थी, पर इसका सीधा प्रभाव आम जनता, वकीलों, डीड राइटरों और सबसे महत्वपूर्ण राज्य सरकार के रैवेन्यू पर पड़ा। वहीं रजिस्ट्री कराने आए लोगों को भारी पड़ा है।

जालंधर-1 और 2 के ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार गुरमन गोल्डी, दमनबीर सिंह, रवनीत कौर, जगतार सिंह ने तहसील में काम करने वाले डीड राइटरों के साथ एक मीटिंग कर उन्हें नए फरमान जारी किए। ज्वाइंट रजिस्ट्रारों ने अर्जीनवीस को निर्देश जारी किए कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में केवल उन्हीं रजिस्ट्रियों को अप्रूवल दी जाएगी जिन आवेदकों के पास 1995 से पहले की रजिस्ट्री होगी या उनके पास संबंधित प्रॉपर्टी की एन.ओ.सी. होगी। इसके साथ ही उन्होंने सभी अर्जीनवीसों को एन.ओ.सी. हासिल किए किसी भी प्लाट या प्रापर्टी का रकबा तोड़ कर दस्वावेज लिखने को मनाही कर दी। उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर अगर किसी आवेदक के पास 10 मरला की एन.ओ.सी. है तो वह 10 मरला में से 4 या 6 या 8 मरला की रजिस्ट्री रकबा तोड़ कर नहीं करवा सकेगा।

ज्वाइंट सब रजिस्ट्रारों के ऐसे फैसलों से रजिस्ट्रियों का काम शाम होते होते औंधे मुंह गिर गया और रूटीन के मुकाबले आधे से भी कम रजिस्ट्रेशन डाक्यूमैंट को अप्रूवल मिल सकी। हालांकि अधिकारियों के फैसले को लेकर कई पहलुओं पर अर्जीनवीस और एडवोकेट में खासी तकरार भी हुई परंतु अधिकारी अपने फैसले पर अडिग रहे। हालांकि पंजाब सरकार ने विगत वर्ष नगर निगम, पुडा, इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट सहित अन्य विभागों में एन.ओ.सी. के नाम पर जनता से हो रही लूट की शिकायतों को देखते हुए नोटिफिकेशन जारी कर कुछ नियमावली के साथ राज्य की जनता को बिना एन.ओ.सी. के रजिस्ट्री कराने की भारी राहत प्रदान की थी।

इस मामले में भी ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार ने माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका का हवाला देते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने अवैध कालोनियों में प्लाटों की रजिस्ट्री करने पर एक बार फिर से रोक लगाते हुए केवल अप्रूव्ड कालोनियों में प्रापर्टी के अलावा जिन लोगों के पास एन.ओ.सी. हो, उन्ही की रजिस्ट्री करने के आदेश जारी किए है। उन्होंने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने को पूरी तरह से पाबंद है। उन्होंने बताया कि इस जनहित याचिका की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को है और सुनवाई में हाईकोर्ट की अगली डायरेक्शन को भी अमल में लाया जाएगा।

ज्वाइंट सब रजिस्ट्रारों ने अर्जीनवीसों के हिदायतें दी कि वह हरेक रजिस्ट्री के साथ पूरे दस्तावेज संलग्न करने के अलावा रजिस्ट्री में हरेक बिंदु को क्लियर लिखे। इसके अलावा रजिस्ट्री लिखने से पहले रफ में लिखी रजिस्ट्री को असल दस्तावेजों के साथ उन्हें दिखाकर मंजूरी ले। उसके बाद ही अष्टाम लेकर पक्की रजिस्ट्री लिखें और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फीस व अन्य फीसों को अदा करें।

ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार के इन तल्ख रवैया से अर्जीनवीस ही नहीं बल्कि प्रॉपर्टी कारोबारियों सहित आमजन की एकाएक परेशानियों में भारी इजाफा हो गया। रजिस्ट्री कराने को परेशान लोग अधिकारियों के समक्ष सिफारिशों के साथ गुहार लगाते रहे परंतु ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार अपने फैसले से तस से मस नही हुए। जिसका सीधा असर यह हुआ कि आज विगत दिनों के मुकाबले आधे से भी ज्यादा डाक्यूमैंट मंजूर हुए है।

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रजिस्ट्री के एवज में अतिरिक्त पैसे वसूलने वालों की अब खैर नहीं होगी

ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार ने दो टूक कहा कि वह विभाग में पारदर्शी और भ्रष्टाचार सेवाएं प्रदान करने को लेकर पाबंद है। उन्होंने सभी अर्जीनवीस, एडोवोकेट और अन्य लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में रजिस्ट्री के नाम पर भ्रष्ट गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री व अन्य दस्तावेजों की अप्रूवल को लेकर हमारे नाम पर लोगों से अतिरिक्त पैसे वसूलने वालों की अब खैर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दस्तावेज को अप्रूवल देने दौरान कोई रिश्वत नहीं ली जाएगी। उन्होंने कहा कि लोग भी रजिस्ट्री या अन्य डाक्यूमैंट के लिए बनती रजिस्ट्री फीस और सरकार द्वारा निर्धारित फीस ही अर्जीनवीस को अदा करे। अगर कोई शिकायत आई तो उच्च अधिकारियों को अर्जीनवीस का लाइसैंस रद्द करने की सिफारिश करेंगे।

केवल सब रजिस्ट्रार नहीं बल्कि बाकी तहसीलों व सब तहसीलों में भी गिरा डाक्यूमैंट का ग्राफ

नए ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार के ज्वाइन करने के पहले दिन ही रजिस्टर हुए दस्तावेजों की गिनती आधे से भी कम रह गई। आज सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जालंधर -1 में 88 लोगों ने ऑनलाइन अप्वाइंटमैंट ली हुई थी। अधिकारियों हाईकोर्ट का हवाला देते हुए लगाई पाबंदियों के चलते 88 में से सिर्फ 66 दस्तावेजों को ऑनलाइन अप्रूवल दी गई। जिनमें 27 रजिस्ट्री दस्तावेज, 6 अटार्नियां, 15 तबदील मलकियत और 1 लीज डीड शामिल है। जबकि 21 व 22 अप्रैल को सब रजिस्ट्रार कार्यालय में क्रमशः 133 और 125 दस्तावेजों को अप्रूवल दी गई थी।

इसी तरह से सब रजिस्ट्रार-2 कार्यालय में आज 52 आवेदकों ने ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट ले रखी थी, लेकिन ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार ने सरकार ने 26 दस्तावेजों को ही अप्रूवल दी। इन दस्तावेजों में कुल 14 प्रॉपर्टी की रजिस्ट्रियां 3 वसीयत, 2 पटा नामा, 4 अटॉर्नी, 3 मोरगेज के दस्तावेज शामिल रहे। वहीं नवनियुक्त नायब तहसीलदारों का दुष्प्रभाव जिला की अन्य तहसीलों व सब तहसीलों में भी देखने को मिला। आज तहसील फिल्लौर में 18 लोगों ने ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट ले रखी थी जिसमें एक भी दस्तावेज को मंजूरी नहीं मिली। वहीं दूसरी तरफ आदमपुर, करतारपुर, गोराया, मेहतपुर लोहियां में भी कोई दस्तावेज को अप्रूवल नही मिली। जबकि शाहकोट में 6 अपॉइंटमेंट में से 5 दस्तावेजों, नकोदर में 13 अपॉइंटमेंट में से 11 दस्तावेजों, भोगपुर 5 अपॉइंटमेंट 5 दस्तावेजों को अप्रूवल दी गई है।

दोपहर 2 बजे के बाद शुरू हुआ काम, जनता हुई बेहाल

सब रजिस्ट्रार कार्यालय जालंधर -1 और जालंधर-2 दोनों में 2-2 नए ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार ने आज सुबह अपना चार्ज संभाल लिया। परंतु उनकी डिजिटल आई.डी. न बनी होने के कारण वह काम शुरू नहीं कर सके। उनकी आई.डी. बनाने को चंडीगढ़ हैड ऑफिस में भेजी गई जिसमें 2 बज गए, जिस कारण गर्मी के मौसम में वेटिंग हॉल में घंटों इंतजार करती जनता बुरी तरह से बेहाल हो रही थी।

नंबरदारों को आधार कार्ड की नकल अटैस्ट करने के निर्देश को लेकर भी फंसा पेच

नए ज्वाइंट सब रजिस्ट्रारों ने नंबरदारों को हिदायतें जारी की कि वह रजिस्ट्री में शामिल लोगों के दस्तावेजों में लगाए आधार कार्ड को भी अटैस्ट करें। नंबरदार यूनियन द्वारा इस हिदायत को मानने से इंकार करने पर इस मामले में भी पेच फंस गया। नंबरदारों का कहना था कि वह केवल दस्तावेज में शामिल लोगों को तस्दीक करके अपनी गवाही डालते है। उनके पास आधार कार्ड को तस्दीक करने का कोई अधिकार नहीं है, जिस कारण वह ऐसा नहीं करेंगे।

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