Edited By Kalash,Updated: 08 Apr, 2025 06:47 PM

नैशनल काऊंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड दैनिंग (एन.सी.ई.आर.टी.) इस बार भी मार्कीट में समय पर किताबें नहीं पहुंचा पाया।
चंडीगढ़ (आशीष): नैशनल काऊंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड दैनिंग (एन.सी.ई.आर.टी.) इस बार भी मार्कीट में समय पर किताबें नहीं पहुंचा पाया। इस कारण बच्चों को प्राइवेट पब्लिशर की महंगी किताबें खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। नया सत्र शुरू होते ही 9वीं कक्षा के छात्रों को एन.सी.ई.आर.टी. की 1500 रुपए में मिलने वाली किताबें 8500 रुपए में खरीदनी पड़ रही हैं। सिर्फ 9वीं ही नहीं, बल्कि सरकारी और प्राइवेट स्कूल की हर कक्षा के छात्र को महंगी किताबें खरीदनी पड़ रही हैं। शहर के लगभग हर स्कूल में नया सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन एन.सी.ई.आर.टी. की किताबें नहीं मिल रही हैं। दुकानों से अभिभावकों को साफ कहा जा रहा है कि एन.सी.ई.आर.टी. की किताबें अब नहीं आएंगी।
सत्र शुरू, मई तक करना होगा इंतजार
एनसी.ई.आर.टी. द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार पहली, दूसरी, तीसरी, अवीं, 9वीं, 10वीं और 12वीं की किताबें उपलब्ध है। चौथी और 7 वीं की किताबें अप्रैल के अंतिम सताह में उपलबध होंगी। 5वीं और 8वीं की किताबें मई के अंतिम सप्ताह या फिर जून में आएंगी। एम.सी.ई.आर.टी. ने निर्देश जारी किए है कि जब तक किताबें मार्कीट में उपलब्ध नहीं होती, तब तक टीचर पोर्टल से पढ़ाई जारी रख सकते हैं। कई प्राइवेट स्कूलों में एन.सी.ई.आर.टी. की नोटिफिकेशन जारी कर बताया गया था कि सिलवेस में बदलाव के कारण कुछ कक्षाओं की किताबें समय से मार्कीट में उपलब्ध नहीं हो पाएंगी। 5वीं और छवीं के लिए ब्रिज कार्यक्रम पहले से ही एन.सी.ई.आर.टी. की वैबसाइट पर उपलब्ध है।
अभिभावकों की व्यथा
सैक्टर-19 स्थित बुक स्टोर पर 5वीं कक्षा की किताबें लेने पहुंचे विकास शर्मा ने बताया कि किताबे न मिलने से परेशान हैं। दूसरे तीसरे दिन बुक स्टोर पर पता करने पहुंच जाते हैं, लेकिन किताबें नहीं मिल रही है। स्कूल द्वारा डायरी में किताबें न होने के लिए नोटिस दे रहा है। कई बुक स्टोर पर पता करने के बाद भी किताबें नहीं मिल पाई हैं। टीचर एन.सीई.आर.टी. के पोर्टल से निः शुल्क पाठ्यक्रम डाऊनलोड कर बच्चों को पढ़ा रहे हैं।
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