एक बार फिर सुर्खियों में शहर का DMC अस्पताल, निजी हास्पिटलों के वारे-न्यारे, जानें मामला

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 05 Jul, 2025 10:02 PM

once again the city s dmc hospital is in the news

शहर में नए खुल रहे अस्पतालों तथा ना चलने वाले अस्पतालों के लिए दयानंद अस्पताल के डॉक्टर मानों डूबते को तिनके का सहारा बनकर सामने आ रहे हैं।

लुधियाना (सहगल) : शहर में नए खुल रहे अस्पतालों तथा ना चलने वाले अस्पतालों के लिए दयानंद अस्पताल के डॉक्टर मानों डूबते को तिनके का सहारा बनकर सामने आ रहे हैं। यानी शहर के प्रमुख डीएमसी अस्पताल से रिटायर होकर अथवा प्राइवेट ओपीडी संबंध की नीतियों से खिन्न होकर अस्पताल छोड़ने वाले डॉक्टर पर कई अस्पताल डोरे डालने से पीछे नहीं रहते। फॉर्टिस हॉस्पिटल लगभग आधे दर्जन से अधिक डॉक्टरों को अपने अस्पताल में शामिल कर चुका है। इसके अलावा दयानंद अस्पताल से रिटायर होने वाले डॉक्टरों को भी निजी अस्पतालों से भारी प्रलोभन मिल रहे हैं। ऐसे में दयानंद अस्पताल छोड़कर जाने वाले डॉक्टरों के वारे न्यारे हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक 25 से 35 के करीब डॉक्टर दयानंद अस्पताल छोड़ चुके बताए जाते हैं।

क्या है मामला

कुछ समय पहले दयानंद मेडिकल कॉलेजने डॉक्टरों को निजी प्रैक्टिस छोड़कर अस्पताल में प्राइवेट ओपीडी में बैठने को कहा हालांकि इसके एवज में उन्हें भारी कमीशन भी दिया जाता रहा, परंतु दबाव में या अस्पताल की नीतियों के बदलाव को न मानने वाले डॉक्टरों ने अस्पताल छोड़ना बेहतर समझा। इसके अलावा सुपर स्पेशलिटी में विशेषज्ञ डॉक्टरो को रिटायरमेंट एज के पूरा होने पर उन्हें एक्सटेंशन देने की बजाय अस्पताल से रवाना कर दिया गया और यह भी नहीं देखा गया कि डॉक्टर की खासियत क्या है। बल्कि यह देखा गया कि डॉक्टर अस्पताल को कितना कमा कर दे रहा है या फिर काम काज छोड़कर मैनेजमेंट के सदस्यों की कितनी चापलूसी करता है। इन दो गुणों के अलावा डॉक्टर की कोई और काबिलियत नहीं देखी जाती कि वह मरीज को ठीक करने में उसकी सक्सेस रेट क्या है। एक अस्पताल छोड़कर जाने वाले डॉक्टर ने बताया कि दयानंद अस्पताल मैं चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन का रूतबा छोड़कर कॉर्पोरेट अस्पताल का रूप धारण करना शुरू कर दिया है। जिन डॉक्टरों के पास कभी मरीज कम हो जाए तो उन्हें जूनियर डॉक्टरों के सामने बुलाकर प्रताड़ित किया जाता है फिर अस्पताल में राजनीति भी चरम सीमा पर है। ऐसे में उन्होंने भी अस्पताल छोड़ना बेहतर समझा।

फॉर्टिस हॉस्पिटल के भी बदले बुरे दिन

फॉर्टिस अस्पताल के माल रोड पर खुले नए अस्पताल में डॉक्टरों की कमी काफी देर से महसूस की जा रही थी परंतु जैसे ही दयानंद अस्पताल से डॉक्टरो का पलायन शुरू हुआ फोर्टिस अस्पताल में इसे हाथों-हाथ लिया। अब लगभग आधा दर्जन के करीब डॉक्टर फॉर्टिस अस्पताल में अपना पदभार संभाल चुके हैं। बताया जाता है कि फोर्टिस अस्पताल ने अपने मार्केटिंग विभाग के स्टाफ को कह रखा है कि वह डीएमसी अस्पताल के डॉक्टरो पर नजर रखें। ऐसे में मार्केटिंग विभाग का एक कर्मचारी डीएमसी को डॉक्टर का बायोडाटा तैयार करने में लगा है। जिसमें डॉक्टर के जन्मदिन, डेट ऑफ जॉइनिंग से लेकर डेट ऑफ रिटायरमेंट तक का डाटा तैयार है। अधिकतर अस्पताल यह चाहते हैं कि उन्हें अनुभवी डाक्टर मिले। ऐसे में डीएमसी से रिटायर होने वाले डॉक्टर पर निजी अस्पतालों की खास नजर है। कुछ एक को तो रिटायरमेंट से पहले ही भारी प्रलोभन दिए जा रहे हैं। 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!