जम्मू-कश्मीर में दिनों-दिन बढ़ रही पंजाब के पर्यटकों की संख्या, इतने प्रतिशत हुई वृद्धि

Edited By Kalash,Updated: 11 Jul, 2024 03:30 PM

number of tourists from punjab is increasing in jammu and kashmir

जम्मू-कश्मीर में हालात बदलकर सामान्य होने से वहां का आकर्षण भी बढ़ गया है

अमृतसर : जम्मू-कश्मीर में हालात बदलकर सामान्य होने से वहां का आकर्षण भी बढ़ गया है, जिससे घाटी में पंजाब के पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। टूरिस्टों के बढ़ने से जहां पर आर्थिक तौर पर कश्मीर घाटी के साथ जम्मू को लाभ मिलेगा, वहीं हिमाचल जाने वाले टूरिस्ट अपेक्षाकृत कम हो जाएंगे, जिसकी शुरूआत अभी से हो चुकी है। पिछले कुछ वर्षों से हिमाचल प्रदेश में पंजाबियों को टूरिस्ट के रूप में स्थानीय लोगों द्वारा मनमुटाव एक बड़ा कारण माना जा रहा है। इसके चलते टूरिस्ट की मजबूरी हिमाचल प्रदेश थी, अन्यथा वहां जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग कतराते थे। 

दूसरी तरफ कश्मीर घाटी में जरा सी परिस्थितियां सामान्य हुईं तो तुरंत अमरनाथ यात्रियों की संख्या पिछले वर्ष की अपेक्षा 96 फीसदी अधिक हो गई। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक यात्रियों की संख्या इन 10 दिनों में 2 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है। अमरनाथ यात्री जे-एंड-के टूरिज्म का एक महत्वपूर्ण एवं बहुत बड़ा हिस्सा हैं। उधर, श्रीनगर व इसके साथ लगे क्षेत्रों में भी पिछले 2 महीनों से टूरिस्ट बेकाबू होकर पहुंचे हैं। वहां से आए लोगों ने बताया कि लोग उनसे बेहद प्रभावित हैं और वे टूरिस्ट को हर प्रकार से सुविधा देने के लिए आश्वासन दे रहे हैं।

इसका मुख्य कारण है कि पिछले 30 वर्षों से अधिक पहले से जम्मू-कश्मीर में हालात विपरीत होने से वहां टूरिस्ट का जाना बंद हो गया था और ये इलाके बेहतर होते हुए भी पर्यटकों की लिस्ट से कट गए थे। बदलते घटनाक्रम में अब कश्मीर घाटी के लोगों को पटरी से उतरी हुई अर्थव्यवस्था को मार्ग पर लाने के लिए भारी संख्या में टूरिस्ट की बेहद आवश्यकता है। उधर, हिमाचल प्रदेश आर्थिक दृष्टि से काफी समृद्ध है और उसे अधिक टूरिस्ट की आवश्यकता भी नहीं है। पिछले दिनों में अधिक टूरिस्टों के कारण हिमाचल में 25 स्थान पर जाम लग गए थे। स्थानीय लोग ज्यादा भीड़ से परेशान हो चुके थे।

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के धार्मिक व पर्यटन स्थल

हिमाचल प्रदेश में पर्यटन स्थलों में मुख्य मनाली, रोहतांग, डलहौजी, चंबा, भरमौर, मैकलोडगंज आदि हैं। वहीं उनके मुकाबले श्रीनगर, पहलगाम, डल झील, गुलमर्ग, पटनी टॉप, लेह-लद्दाख आदि हिल स्टेशन हिमाचल के पहाड़ी स्थानों के सामने अधिक आकर्षक और प्रसिद्ध हैं। पुराने समय से ही कश्मीर को वैश्विक स्तर पर "धरती का स्वर्ग" कहा जाता है।

जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में श्री अमरनाथ यात्रा, श्री वैष्णो देवी मंदिर, शिवखोड़ी, श्री रघुनाथ मंदिर जम्मू हैं, जहां पर लाखों यात्री प्रति वर्ष जाते हैं। हालांकि हिमाचल प्रदेश में श्री चिंतपूर्णी, श्री चामुंडा जी, श्री ज्वाला जी, श्री बगलामुखी, श्री कांगड़ा जी व श्री मणीकरन आदि धार्मिक स्थल हैं पर यात्रियों की गिनती में जम्मू-कश्मीर बहुत विख्यात है।

जम्मू-कश्मीर के आकर्षण के कारण

* सस्ते रेट में होटल एवं अन्य स्थानों पर भी कमरों की उपलब्धि और खाना पीना कम रेट पर।
* मजबूत सड़के और पहाड़ों पर कम दरारें, टूटी सड़कें और जाम नहीं।
* यात्रियों से स्थानीय लोगों का पिछले कुछ वर्षों से व्यवहार बेहतर।
* हिमाचल की अपेक्षा कश्मीर घाटी में कहीं अधिक प्रसिद्ध टूरिस्ट स्थल।

हिमाचल में टूरिज्म के लिए कुछ नकारात्मक अंश

* डलहौजी, मैकलोडगंज, भागसूनाग और अन्य कई स्थानों पर खाना बेहद महंगा, कमरे महंगे व उपलब्धि कम है।
* दरकते पहाड़ और बंद रास्ते।
* पंजाब के टूरिस्टों से चल रहा निरंतर तनाव।
* हिमाचल पुलिस का टूरिस्टों के प्रति नकारात्मक रवैया और हमलावरों को शह।

जम्मू-कश्मीर में 2 इंटरनैशनल सहित 11 एयरपोर्ट

अंतर्राष्ट्रीय टूरिस्टों का आकर्षण जम्मू-कश्मीर घाटी में 2 इंटरनैशनल सहित 11 एयरपोर्ट हैं। इनमें श्रीनगर और जम्मू इंटरनैशनल एयरपोर्ट हैं, जबकि बाकी के सामान्य एवं सैनिक हवाई अड्डों में पुंछ, राजौरी, अखनूर, उधमपुर, चुसाल, चाम्ब, झंगर, फुक्चे आदि शामिल हैं। हालांकि लद्दाख को कश्मीर से फिलहाल केंद्र सरकार ने अलग रखा हुआ है, लेकिन अभी तक इनके टूरिस्ट एक ही हैं, जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में कोई अंतर नहीं समझते हैं।

उधर, 10,500 फीट की ऊंचाई पर बना लद्दाख का हवाई अड्डा "रिमपोचे" भारत का सबसे ऊंचा एयरपोर्ट है, जो नागरिक के साथ सैनिक एयरपोर्ट भी है। वहीं हिमाचल प्रदेश में मात्र 3 एयरपोर्ट हैं, जिनमें कांगड़ा का गग्गल, कुल्लू का भुंतर और राजधानी शिमला में है। हिमाचल के सभी हवाई अड्डे छोटे एवं "ए.टी.आर" विमान के लिए हैं, जबकि शिमला एयरपोर्ट पर तो मात्र 5 हजार फीट की ऊंचाई के कारण 28-30 से अधिक यात्रियों को ले जाने की अनुमति नहीं है।

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