Jalandhar: सिविल अस्पताल में नहीं रुक रहा लापरवाही का सिलसिला, आए दिन चर्चा में

Edited By Urmila,Updated: 14 Mar, 2025 03:05 PM

negligence is not stopping civil hospital jalandhar

कभी अज्ञात मरीजों को सड़क पर फैंकने, अस्पताल में मृतकों के पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों के हवाले करने के पहले पैसे लेने, शव की मोर्चरी में हुई दुर्गति आदि के मामलों ने सिविल अस्पताल का अक्स पूरी तरह खराब हो चुका है।

जालंधर (विशेष): कभी अज्ञात मरीजों को सड़क पर फैंकने, अस्पताल में मृतकों के पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों के हवाले करने के पहले पैसे लेने, शव की मोर्चरी में हुई दुर्गति आदि के मामलों ने सिविल अस्पताल का अक्स पूरी तरह खराब हो चुका है। इन मामलों में अस्पताल अधिकारियों द्वारा समय रहते आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना भी इस बात को दर्शाता है कि भष्टाचार व लापरवाही सहन करने वाले अधिकारी भी शायद इस मामले में किसी स्वार्थ के चलते सख्त कार्रवाई नहीं कर रहे। अब एक ताजा मामले ने सिविल अस्पताल में इंसानियत को शर्मसार किया है। इस बारे में सीनियर बसपा नेता बलविंदर सिंह ने बताया कि पटियाला के गांव शेरगढ़ के निवासी फकीर चंद्र को गांव रायपुर के खेत में से घायल अवस्था में लोगों ने देख पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने फकीर चंद्र को सिविल अस्पताल दाखिल करवाया। इसके बाद किसी ने फकीर चंद के भतीजे खुशी को इस बाबत बताया। वही आए दिन अस्पताल में लापरवाही के केस देखने को मिल रहे हैं। अब फिर एक मरीज की मौत हो गई। इसके बाद बसपा नेता और परिजनों ने अस्पताल में हंगमा किया।

बसपा नेता बलविंदर ने बताया कि खुशी ने उन्हें बताया कि सिविल अस्पताल में देर शाम वह अपने ताया के पास पहुंचा तो देखा कि उनको लावारिसों की तरह अस्पताल वालों ने वार्ड में एक बैड पर लिटाया था। ताया के दोनों हाथ पट्टियां से ऐसे बांध रखे थे कि जैसे किसी जानवर को बाधा रखा हो। वार्ड में उपचाराधीन मरीजों ने उसे बताया कि यहां इलाज ठीक तरीके से नहीं हो रहा और आप उसकी जान बचाना चाहते हो तो इसे किसी और अस्पताल ले जाओ। इसके बाद वह ताया को पी.जी.आई. अस्पताल चंडीगढ़ लेकर जाने लगा, लेकिन रास्ते में ही ताया जी की मौत हो गई।

मामले की जांच के लिए डी.सी. व उच्च अधिकारियों से भी मिलेंगे : बलविंदर

वही बसपा नेता बलविंदर कुमार ने कहा कि अस्पताल में तैनात डाक्टर लाखों का वेतन लेते हैं और उक्त वेतन लोगों द्वारा अदा टैक्स के बाद ही उन्हें मिलता है। वह सभी डाक्टरों को बुरा नहीं कहते लेकिन अस्पताल में जो हालात पैदा हो चुके है जो कुछ डाक्टरों के कारण ही अस्पताल की छवि खराब कर रहे और मरीजों की मौतें हो रही हैं। वह इस बात को सहन नहीं करेंगे और इस मामले में वह डी.सी. व उच्च अधिकारियों से मिलकर उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करने की मांग करेंगे।

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