जालंधर नगर निगम फिर बटोर रहा सुर्खियां, एक नया घोटाला आया सामने, उड़े होश

Edited By Urmila,Updated: 28 Apr, 2025 12:50 PM

municipal corporation jalandhar

पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद भी जालंधर नगर निगम में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा।

जालंधर (खुराना): पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद भी जालंधर नगर निगम में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। पिछले साल सामने आए एक बड़े कूड़ा घोटाले ने अब फिर सुर्खियां बटोरी हैं। आरोप है कि एक प्राइवेट ठेकेदार ने फर्जी बिल पेश कर निगम से करोड़ों रुपए की पेमैंट हड़प ली। पिछले साल इस मामले में जो आरोप लगे उसकी जांच रिपोर्ट को दबा दिया गया पर अब इस मामले की नई शिकायत मेयर और कमिश्नर तक पहुंच चुकी है।

नई शिकायत में कहा गया है कि समाचारपत्रों ने पिछले साल इस घोटाले का खुलासा किया था। तब प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि ठेकेदार ने कूड़ा उठाने के लिए जिन वाहनों के बिल जमा किए, उनमें स्कूटर और दोपहिया वाहनों के नंबर दर्ज थे। इन बिलों में दावा किया गया कि इन वाहनों से 10-10 टन कूड़ा उठाया गया। परिवहन विभाग की जांच में पुष्टि हुई कि उक्त नंबर स्कूटर और दोपहिया वाहनों के हैं, जो इतना भारी कूड़ा उठाने में सक्षम ही नहीं हैं। तब सवाल उठा था कि क्या यह गलती थी या जानबूझकर किया गया फर्जीवाड़ा।

गौरतलब है कि जालंधर सेंट्रल और छावनी विधानसभा क्षेत्रों के डंप स्थानों (मॉडल टाउन, ज्योति नगर, रेडियो स्टेशन, फोल्ड़ीवाल आदि) से कूड़ा उठाने का काम निगम ने प्राइवेट ठेकेदारों को सौंपा है। ठेकेदार कूड़े को वरियाना डंप तक पहुंचाते हैं और प्रति किलो के हिसाब से पेमैंट लेते हैं। आरोप है कि एक ठेकेदार ने स्कूटर जैसे वाहनों के नंबरों का इस्तेमाल कर फर्जी बिल बनाए। पिछले साल तत्कालीन निगम कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए थे, लेकिन जांच को आगे नहीं बढ़ने दिया गया। हैरानी की बात यह है कि एक निगम अधिकारी ने उस जांच से जुड़ी विवादित पैमेंट्स को भी बाद में रिलीज कर दिया।

नई शिकायत में संगीन आरोप, तीन साल से हो रही बोगस बिलिंग, अफसर मिले हुए

17 अप्रैल 2025 को एक प्राइवेट ठेकेदार के खिलाफ नई शिकायत सामने आई है। आरोप है कि यह ठेकेदार पिछले तीन साल से बोगस बिलिंग कर रहा है। कूड़े की एक पर्ची से तीन-तीन बिल बनाए गए और ठेकेदार ने जानबूझकर देरी से बिल जमा किए ताकि ठगी को अंजाम दिया जा सके। बिल, कूड़े की पर्ची और लॉगबुक का रिकॉर्ड भी ठेकेदार के पास है, न कि निगम के पास। आरोप लगाया गया है कि इस फर्जी बिलिंग से निगम को 5-7 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि ठेकेदार ने 10 टायर वाले टिप्पर की जगह 6 टायर वाले टिप्पर का इस्तेमाल किया, जिसका रेट कम है। निगम अधिकारियों की मिलीभगत से टैंडर की शर्तों के खिलाफ जाकर ठेकेदार को काम अलॉट किया गया। शिकायत में ठेकेदार और निगम के एक खास अधिकारी की मिलीभगत का भी जिक्र है। इस घोटाले ने निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। मेयर और कमिश्नर तक शिकायत पहुंचने के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि निगम इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।

जालंधर नगर निगम मेयर वनीत धीर ने कहा कि  डंप स्थानों से कूड़ा उठाने वाले एक ठेकेदार विरुद्ध लिखित शिकायत प्राप्त हुई है जिसमें संगीन आरोप लगाए गए हैं । सोमवार को लिखित में जांच के आदेश दिए जा रहे हैं ताकि सच सामने आ सके । अगर कोई दोषी पाया गया तो बख्शा नहीं जाएगा और सभी की जवाबदेही फिक्स की जाएगी ।

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