Edited By Vatika,Updated: 26 Jun, 2025 04:15 PM

यह कहावत बरसात के मौसम में शहर की सच्चाई को बखूबी बयां कर रही है
जालंधर(पंकज-कुंदन) : "जालंधर जल के अंदर" — यह कहावत बरसात के मौसम में शहर की सच्चाई को बखूबी बयां कर रही है। मंगलवार को हुई कुछ घंटों की बारिश ने जालंधर शहर की व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। शहर की प्रमुख सड़कें और बाजार पानी में डूब गए, जिससे आम नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के नाम पर पिछले कुछ वर्षों में करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन थोड़ी सी बारिश ने ही नगर निगम और प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे वाहन चालकों और पैदल यात्रियों को काफी परेशानी हुई।
स्थानीय निवासियों ने जताई नाराजगी
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर बार की तरह इस बार भी नगर निगम सिर्फ कागजों में तैयारियां करता है, जबकि ज़मीनी हकीकत हर बार की तरह नाकामी का नमूना बनकर सामने आती है। लोगों ने सवाल उठाए हैं कि जब शहर स्मार्ट सिटी का दर्जा पा चुका है, तो फिर हर बरसात में यही दुर्दशा क्यों?

प्रशासन से की स्थायी समाधान की मांग
जनता की मांग है कि नगर निगम और प्रशासन को सिर्फ अस्थायी उपायों पर भरोसा करने की बजाय स्थायी समाधान की दिशा में काम करना चाहिए। जब तक शहर के सीवरेज और जल निकासी सिस्टम को पूरी तरह से सुधार नहीं किया जाएगा, तब तक जालंधर की यह स्थिति हर बरसात में दोहराई जाती रहेगी।