बहु-करोड़ी धान घोटाला, विजिलेंस ने पनसप का भगौड़ा जिला प्रबंधक किया गिरफ्तार

Edited By Urmila,Updated: 24 Sep, 2024 10:33 AM

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पंजाब विजिलैंस ब्यूरो ने लुधियाना जिले की अनाज मंडियों में करोड़ों रुपए के धान घोटाला मामले में भगौड़े पनसप (लुधियाना) के पूर्व जिला प्रबंधक जगनदीप सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया है।

जालंधर/चंडीगढ़ : पंजाब विजिलैंस ब्यूरो ने लुधियाना जिले की अनाज मंडियों में करोड़ों रुपए के धान घोटाला मामले में भगौड़े पनसप (लुधियाना) के पूर्व जिला प्रबंधक जगनदीप सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि जगनदीप सिंह ढिल्लों के लुधियाना कोर्ट में सरेंडर करने के बाद विजिलैंस ब्यूरो ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

vigilance bureau

राज्य विजिलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि जगनदीप सिंह ढिल्लों की पुलिस को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग में धान परिवहन निविदाओं से संबंधित घोटाले में तलाश थी। इस संबंध में विजिलैंस ब्यूरो के लुधियाना रेंज थाने में उक्त आरोपियों समेत पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू व अन्य आरोपियों के खिलाफ आई.पी.सी. दर्ज किया गया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत धारा 409, 467, 420 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत एफ.आई.आर.। क्रमांक 11 दिनांक 16.08.2022 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि ढिल्लों ने पहले 18.9.2023 को उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत प्राप्त की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 16.07.2024 को उनके जमानत आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद से ढिल्लों ड्यूटी से गैर-हाजिर चल रहे थे, जिसके चलते विभाग ने उन्हें नौकरी से सस्पैंड कर दिया था। इसके बाद निगरानी ब्यूरो की ओर से उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे।

प्रवक्ता ने आगे खुलासा किया कि जगनदीप सिंह ढिल्लों, 2020-21 की अवधि के दौरान, जिला टेंडर कमेटी के सदस्य के रूप में घोटाले में शामिल कुछ ठेकेदारों के टैंडरों को अस्वीकार करने में विफल रहे। उन्होंने कथित तौर पर इन ठेकेदारों के साथ मिलीभगत की और रिश्वत के बदले में उन्हें निविदाएं आवंटित कीं। इसके अलावा, ढिल्लों ने प्रासंगिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए कमीशन एजैंट (आढ़ती) कृष्ण लाल और अनिल जैन की दुकानों से अपने रिश्तेदारों के शैलरों को अनाज हस्तांतरित करके राज्य सीमा शुल्क मिलिंग नीति की धारा 12 (जे) का उल्लंघन किया।

उन्होंने कहा कि यह भी पता चला कि आरोपियों में से एक कृष्ण लाल ने दूसरे राज्यों से 2000 से अधिक जूट की बोरियां प्राप्त कीं जिनका उपयोग धान के परिवहन के लिए किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए ढिल्लों ने सह-आरोपी पनग्रेन के तत्कालीन जिला प्रबंधक सुरिंद्र बेरी के साथ मिलकर पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के प्रभाव की मदद से गांव लालटन और ढांडरा की अनाज मंडियों से चोरी की वारदात को अंजाम दिया। लुधियाना जिले में संबंधित धान को फोर्ट रायपुर केंद्र के बजाय लुधियाना केंद्र की मंडियों में भेजा गया था। गौरतलब है कि यह हेराफेरी राइस मिलर्स से मोटी रिश्वत लेने के इरादे से की गई थी।

जांच के दौरान पता चला कि ढिल्लों ने चावल मिल मालिकों से मनमर्जी से आवंटन के बदले प्रति बोरी 3 से 10 रुपए की रिश्वत ली थी। उन्होंने गेट पास पंजीकरण में अनियमितताओं को भी नजरअंदाज कर दिया, जिसमें ट्रक नंबरों के बजाय स्कूटर और मोटरसाइकिल नंबर शामिल थे। इस प्रकार उसने ठेकेदारों की मिलीभगत से गोदामों में रखे धान के स्टॉक में हेराफेरी की इस वारदात को अंजाम दिया।उन्होंने आगे कहा कि लगातार छापेमारी और विजिलैंस ब्यूरो के बढ़ते दबाव के बाद ढिल्लों ने कोई अन्य विकल्प न देखकर आज लुधियाना अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और मामले की आगे की जांच जारी है।

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