Edited By Urmila,Updated: 03 Jun, 2025 11:39 AM

विधायक रमन अरोड़ा ने रामामंडी इलाके में स्थित धार्मिक स्थल की 30 मरले जमीन की फर्जी रजिस्ट्री बनवा कर उस पर कब्जा करने की कोशिश की थी।
जालंधर (वरुण): विधायक रमन अरोड़ा ने रामामंडी इलाके में स्थित धार्मिक स्थल की 30 मरले जमीन की फर्जी रजिस्ट्री बनवा कर उस पर कब्जा करने की कोशिश की थी। रजिस्ट्री रमन अरोड़ा की भजन मंडली के एक युवक के नाम करवाई गई थी। रजिस्ट्री होने पर उक्त लोगों ने धार्मिक स्थल की जमीन पर चारदीवारी करवाई तो धार्मिक स्थल वालों को पता लगा गया था। इसके बाद काफी विवाद भी हुआ लेकिन रमन अरोड़ा ने इस केस में पुलिस पर दबाव डाल कर एफ.आई.आर. तक नहीं होने दी थी।
मामला करीब 7 से 8 माह पुराना है। रामामंडी के इलाके में पड़ते धार्मिक स्थल की जमीन प्रमुख भगवंत भजन सिंह के नाम पर थी लेकिन जिसमें से 30 मरला जमीन काफी लंबे समय से वैसी ही पड़ी थी। इसकी भनक रमन अरोड़ा को मिली जिन्होंने गौरव के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर रजिस्ट्री भी तैयार करवा ली।
बताया जा रहा है कि उक्त रजिस्ट्री रमन अरोड़ा के खासमखास चश्मे वाले कर्मचारी ने बनवाई थी। कुछ समय बाद रजिस्ट्री भी तैयार हो गई जिसके बाद जब धार्मिक स्थल की जमीन पर उक्त लोगों ने जमीन पर कब्जा करने के लिए चारदीवारी का काम शुरू किया तो धार्मिक स्थल की कमेटी इकठ्ठा हो गई और जमकर विवाद हुआ। जांच करने पर गौरव द्वारा दिखाई रजिस्ट्री फर्जी निकली जिसके बाद बड़े लैवल पर लोगों ने विरोध किया तो विधायक और उसकी टीम पीछे हट गई। हैरानी की बात है कि विधायक ने पुलिस पर इतना दबाव डाला कि पुलिस आरोपी पक्ष पर एफ.आई.आर. तक नहीं काट सकी थी।
मशहूर मोबाइल विक्रेता की दुकान धक्के से खाली करवा दोनों तरफ से ली थी कमीशन
मामला करीब 2 माह पहले का है। चहार बाग में मशहूर मोबाइल विक्रेता किन्हीं कारणों के कारण किराए की दुकान खाली नहीं कर रहा था। ऐसे में दुकान के मालिक ने विधायक रमन अरोड़ा से सम्पर्क किया तो उसी वक्त दुकान के ताले तोड़ कर विधायक ने अपने ताले लगवा लिए। मोबाइल विक्रेता को तुरंत मौके पर बुलाया गया। हाथ-पैर जोड़ कर मोबाइल विक्रेता ने सामान बाहर निकाला और बाद में दुकान खाली करने वाले से और दुकान के मालिक से अरोड़ा लाखों की कमीशन ले गए थे।
गढ़ा के प्रापर्टी कारोबारी 20 लाख रुपए लेकर भी करवा दी थी एफ.आई.आर.
गढ़ा के प्रापर्टी कारोबारी के सोमवार को विजिलैंस में बयान दर्ज हो गए हैं। प्रापर्टी कारोबारी ने खुलासा किया कि उसने 20 लाख रुपए रमन अरोड़ा को दे दिए थे लेकिन वह 50 लाख रुपए की डिमांड कर रहा था। 30 लाख रुपए न देने पर रमन अरोड़ा ने उस पर झूठे पर्चे डलवा दिए जिसके कारण वह परिवार समेत जालंधर से भाग गया। कारोबारी ने एक-एक सबूत भी विजिलैंस को दिया है। यह वही कारोबारी है जिसने आदर्श नगर में प्लाट बेच कर मोटी कमाई की तो रमन अरोड़ा की नजरों में आ गया था। अरोड़ा ने उसे अपने दफ्तर बुला कर हिस्सा मांगा था।
उधर, कपूरथला चौक के एक मशहूर डाक्टर ने भी विजिलैंस में अपने बयान दिए हैं जिसने कहा कि रमन अरोड़ा ने इमारत के निर्माण के कारण 50 लाख रुपए लिए थे। इसके भी सबूत विजिलैंस को दिए गए हैं।
किराएदार के पासपोर्ट बनवाने के लिए गवाही देने पर फंसे सोशल वर्कर से लिए थे 1.30 लाख रुपए
यह मामला भी रामामंडी थाने के अधीन इलाके का है। दरअसल वहां के रहने वाले एक सोशल वर्कर ने अपने किराएदार का पासपोर्ट बनवाने के लिए अपनी गवाही दी थी। कुछ समय बाद उसे थाने से फोन करके बुलाया गया। पहुंचने पर पता लगा कि जिस किराएदार की गवाही उसने दी थी उसने फर्जी दस्तावेज लगाए हुए थे। पुलिस ने उसका मोबाइल लेकर थाने में बिठा लिया। कुछ देर बाद उसका जानकार थाने पहुंचा तो उससे फोन करवा कर घर सारी बात बताई। कुछ समय बाद उसके जानकार थाने पहुंच गए। पता लगा कि पुलिस छोड़ने के लिए 30 हजार रुपए मांग रही है।
इन्हीं के बीच में से किसी ने विधायक रमन अरोड़ा तक बात पहुंचा दी। रात का समय था जिसके कारण रमन अरोड़ा ने सुबह 6.30 बजे उक्त लोगों को घर बुला लिया। पूरी रात सोशल वर्कर थाने में रहा जिसके बाद अगली सुबह रमन अरोड़ा ने 1.30 लाख रुपए लेकर थाने फोन करके सोशल वर्कर को छुड़वा दिया। बता दें कि सोशल वर्कर ने अपने रिश्तेदारों से पैसे मंगवा कर विधायक को दिए जिसके बाद उसे थाने से छोड़ा गया।
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