Edited By Vatika,Updated: 21 Jun, 2025 12:19 PM

विधायक रमन अरोड़ा के तार अब भोगपुर से भी जुड़ गए हैं।
जालंधर (वरुण): विधायक रमन अरोड़ा के तार अब भोगपुर से भी जुड़ गए हैं। रमन अरोड़ा ने भोगपुर रहते अपने करीबी रिश्तेदार की मदद से वहां पर भी कई प्रापर्टी खरीदी जो ब्लैक मनी से ली गई थी। इसके अलावा भोगपुर वाले रिश्तेदार ने पुरे भोगपुर के काम संभाल रखे थे और जिस भी भोगपुर के व्यापारी ने जालंधर के व्यापारी से पैसे देने होते थे तो उसमें रमन अरोड़ा को घुसा कर पैसे मिट्टी कर दिए जाते थे जिसकी एवज में रमन अरोड़ा मोटी फीस लेते थे।
हैरानी की बात है कि रमन अरोड़ा ने अपने पार्टी वर्कर को नहीं छोड़ा जो 3 साल पहले कांग्रेसी पार्टी छोड़ कर आम आदमी पार्टी में आया था। वह 22 सालों से कांग्रेसी पार्टी का एक्टिव वर्कर था। वर्कर ने बताया कि उसने अपने काम के जालंधर के एक व्यापारी से 12 लाख रुपए लेने थे। पार्टी पैसे देने को लेकर तंग कर रही थी तो वह रमन अरोेड़ा के पास गया। पहले तो रमन अरोड़ा ने उसकी बात सुनी और पैसे दिलाने का भरोसा दिया। कुछ दिनों बाद रमन अरोड़ा का बात करने का तरीका बदल गया। बाद में पता लगा कि जिस पार्टी ने उसके 12 लाख रुपए देने थे उसके भोगपुर रहते ससुराल वालों ने भोगपुर के ही रमन अरोड़ा के रिश्तेदार की शरण ले ली। वर्कर ने बताया कि रमन अरोड़ा के साथ उसकी इस बात को लेकर बहस भी हुई जिसके बाद उसने उक्त पार्टी के खिलाफ जालंधर पुलिस को शिकायत दी, लेकिन नंबरी शिकायतों पर रमन अरोड़ा ने कार्रवाई नहीं होने दी।
इस दौरान पार्टी ने 6 लाख रुपए देकर राजीनामा करने को कहा, लेकिन वह नहीं माना तो भोगपुर के नगर कौंसिल अधिकारी ने उसे फोन करके धमकियां दी जिसकी उसने रिकार्डिंग कर ली। नगर कौंसिल अधिकारी ने साफ कहा कि वह कुछ भी कर ले और जहां मर्जी शिकायतें कर लें उसको पैसे नहीं मिलेंगे। वर्कर ने दावा किया कि इसी दौरान उसे भनक लगी कि रमन अरोड़ा ने दूसरी पार्टी से 5 लाख रुपए लेकर उसे उसकी पैमेंट करने से मना कर दिया था, जिसके कारण आज तक उसकी पेमैंट फंसी हुई है। आने वाले दिनों में यह वर्कर भी विजीलैंस में अपने बयान दर्ज करवा सकता है। उधर नगर कौंसिल की धमकी भरी आडियो भी जल्द सामने रखी जाएगी। वहीं विजीलैंस अगर भोगपुर वाले रिश्तेदार को जांच में शामिल करके उससे भी सख्ती से पूछताछ करे तो रमन अरोड़ा की वहां कई प्रापर्टी सामने आ सकती है जो तीन सालों से खरीदी जा रही थी।
अपने लोगों को बचाने के लिए घायल हुए परिवार पर ही एफ.आई.आर. दर्ज करवा दी
मामला तीन साल पहले का है। तेल वाली गली के रहने वाले राकेश खन्ना ने बताया कि रमन अरोड़ा ने उनके परिवार के साथ बहुत धक्का किया। पहले तो उन्हें खून से लथपथ किया गया और बाद में उन्हीं से माफियां मंगवाई गई। यहां तक की पूरे परिवार पर एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जिसमें शामिल उनके बेटे ने विदेश भी जाना था। राकेश ने बताया कि तेल वाली गली में उन पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। इस संबंधी शिकायत पुलिस को दी गई थी लेकिन दो दिन तक कोई बयान लेने नहीं आया। बाद में पता लगा कि तेल वाली गली की एक महिला ने विधायक रमन अरोड़ा ने फोन करके कार्रवाई रोकने को कहा था। उन्हें पता लगा तो वह रमन अरोड़ा के दफ्तर गए जिसके बाद उसने उन्हें भरोसा तो दिया। थाने के जांच अधिकारी तक ने कह दिया था कि पीछे से विधायक का दबाव है। तीन दिनों बाद जाकर पता लगा कि जिन लोगों ने उन पर हमला किया था उन्हीं के बयानों पर खुद राकेश खन्ना, उसके कजन जिम्मी और बेटे केतन पर एफ.आई.आर. दर्ज हो गई। केतन ने विदेश जाना था। बेटे के भविष्य के खातिर उन्हें झुकना पड़ा और रमन अरोड़ा के दफ्तर मे लगी पंचायत में उन्होंने पीड़ित पक्ष होने के बावजूद माफी मांग कर राजीनामा किया।