Edited By Vatika,Updated: 07 May, 2021 06:23 PM

कोरोना वायरस (कोविड-19) की तीसरी संभावित लहर से बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका को पहले भांपते हुए पंजाब
जालंधरः कोरोना वायरस (कोविड-19) की तीसरी संभावित लहर से बच्चों को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका को पहले भांपते हुए पंजाब इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स) ने अभी से कमर कस ली है। 28 अप्रैल 2021 को 20 दिन के सुखदीप सिंह पुत्र गुरदीप सिंह निवासी कपूरथला को कोरोना जैसी महामारी से बचाते हुए पिम्स ने कर्तव्य परायणता की अनूठी मिसाल पेश की है।
नवजात जब बुखार से पीड़ित था, बार-बार दौरा पड़ रहा था और सुस्त था। बच्चे को तुरंत कोविड केयर सेंटर भर्ती गया और नवजात को हरसंभव उपचार उपलब्ध करवाया। शुक्रवार को बच्चे को कोविड संक्रमण से मुक्त करार देकर अभिभावकों के सुपुर्द कर दिया। पिम्स के बच्चों के डॉ जतिंदर सिंह ने बताया कि नवजात को जब पिम्स लाया गया तो बच्चे को तेज बुखार था, बार-बार दौरा भी पड़ रहा था। सबसे पहले बच्चे का छाती का एक्स-रे करवाया गया तो पता चला कि बच्चा निमोनिया से भी पीड़ित है और उसकी छाती पूरी तरह से जाम है और सांस लेने में मुश्किल हो रही है। इसके बाद नवजात का इलाज शुरू किया गया। 3 दिन तक नवजात को सी-पेप पर रखा गया और उसके बाद 2 दिन तक ऑक्सीजन के सहारे रहा।
लगभग 10 दिन तक इलाज करने के बाद बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि सबसे अहम बात यह कि लोगों में डर है कि अगर मां या उसका बच्चा कोरोना पॉजिटिव हो तो मां अपना दूध बच्चे को नहीं पिला सकती। लेकिन ऐसा नहीं हैं अगर मां ने एन 95 मास्क पहना हो और दास्ताने डाले हों तो मां कोरोना पाजिटिव बच्चे को या खुद कोरोना पजिटिव है तो अपना दूध पिला सकती है। पिम्स के रेजिडेंट डायरेक्टर अमित सिंह ने कहा कि डाक्टरों की काम के प्रति लगन से ही आज बच्चा अपने माता-पिता की गोद में ठीक होकर खेल रहा है। उन्होंने कहा कि देश भर में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। इस महामारी ने अब बच्चों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। इसलिए अब अपने साथ-साथ बच्चों पर भी खास ध्यान देने की जरूरत है। हमारे डाक्टरों ने इस नवजात के लिए जिस लगन से काम किया है, वह काबिले तारीफ है और आगे भी ऐसी ही लगन से काम करते रहेंगे। पिम्स की डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ कुलबीर कौर ने कहा कि कोरोना से हम सभी को मिलकर लड़ना होगा। कोरोना को तभी हराया जा सकता है जब सरकार की ओर से जारी हिदायतों का पालन करेंगे।