उल्टी बहने लगी गंगा, चंडीगढ़ और दिल्ली से उद्योगों का पंजाब में पलायन

Edited By Kalash,Updated: 11 Sep, 2023 05:36 PM

migration of industries from chandigarh and delhi to punjab

कुछ समय तक ऐसा था कि उद्योग पंजाब से पलायन कर रहे थे लेकिन अब चंडीगढ़, दिल्ली इत्यादि से उद्योग पंजाब की तरफ रुख कर रहे है

जालंधर (नरेन्द्र मोहन): पंजाब में उद्योगों के मामले में गंगा अब उल्टी बहने लगी है। कुछ समय तक ऐसा था कि उद्योग पंजाब से पलायन कर रहे थे लेकिन अब चंडीगढ़, दिल्ली इत्यादि से उद्योग पंजाब की तरफ रुख कर रहे है। करीब 350 उद्योग चंडीगढ़ से पलायन करके पंजाब जा चुके है, जबकि दिल्ली से 40 से अधिक उद्योग पंजाब पलायन कर चुके है। पंजाब में आए इन उद्योगों में अधिकतर चंडीगढ़ के आस-पास वाले जिला मोहाली के क्षेत्र में है। इस तबदीली की बड़ी वजह पंजाब में उद्योगों को लेकर सुविधाजनक नीतियां है। जबकि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में उद्योगों का जीवन कठिन हो रहा है।

आज चंडीगढ़ के कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सी.आई.आई.) में व्यापार और निवेश को लेकर हुए एक सम्मलेन में इस बात का खुलासा हुआ। चैम्बर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्री की तरफ से उद्योगपति अरुण गोयल की अध्यक्षता में एक शिष्टमंडल ने केंद्रीय उद्योग मंत्री सोम प्रकाश को एक ज्ञापन सौंपा चंडीगढ़ इंडस्ट्री बताया गया कि किस प्रकार चंडीगढ़ में भूखंडों को लीजहोल्ड से फ्रीहोल्ड में परिवर्तन, दुरुपयोग और उल्लंघन नोटिस और मध्यम, लघु और सूक्षम उद्योग अधिनियम 2006 लागू न होने से चंडीगढ़ से उद्योगों का पलायन बढ़ा है। चंडीगढ़ उद्योग प्रशासन के चालान से भी दुखी हो रहा है। चंडीगढ़ में फिलवक्त 2800 उद्योग है, जिनमे 600 को चालान नोटिस जा चुके है। चंडीगढ़ के औद्योगिक क्षेत्र-एक में अब अनेक प्लाट खाली पड़े है। 

हालांकि पंजाब में पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय में उद्योगों को लगाने के लिए सरकार ने नियमों को सुविधाजनक बनाया था, परन्तु पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद नियमों में काफी बदलाव आए है। पिछले तीन चार वर्ष से चंडीगढ़ से करीब 350 उद्योग, जिनमे अधिकतर बड़े उद्योग है, पंजाब के जिला मोहाली के डेरा बस्सी, लालडू, मुबारकपुर में पलायन कर चुके है। इन उद्योगों में नट बोल्ट उद्योग, फार्मा उद्योग, फ्लोर मिल्स, स्टील प्लांट, चावल मिलें इत्यादि शामिल है। इनमे कुछ ऐसे उद्योग भी शामिल है जो कभी चंडीगढ़ की पहचान हुआ करते थे। ऐसे ही दिल्ली से 40 से अधिक फार्म उद्योग पंजाब में आ चुके है। ये उद्योग कोरोना के समय से पंजाब में पलायन होना शुरू हुए थे और तब उन्हें दिल्ली में कोरोना का अधिक भय लग रहा था। फार्मा के उद्योग हिमाचल में बद्दी के करीब पंजाब में लगे है। पंजाब में उद्योगों के पलायन का सबसे बड़ी वजह आज सम्मलेन में भी बताई गई कि पंजाब में ईमारत बनने को लेकर कोई पाबन्दी नहीं है, जबकि चंडीगढ़ में 500 गज के प्लाट में 375 गज का ही निर्माण हो सकता है। पंजाब में उद्योगों के लिए पानी भी और बिजली भी कम दाम पर उपलब्ध है, जबकि भूमि के दाम भी चंडीगढ़ के मुकाबले कम है। इसके साथ पंजाब सरकार उद्योगों को प्रोत्साहन भी दे रही है।

चंडीगढ़ उद्योगपतियों के शिष्टमंडल के ज्ञापन पर केंद्रीय उद्योगमंत्री का कहना था कि वे इस बारे में चंडीगढ़ प्रशासन से बातचीत करेंगे और उद्योग वर्ग की समस्यायों के समाधान का प्रयास करेंगे। उनका कहना था कि उद्योग कही भी हो, परन्तु उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, इसका प्रयास केंद्र सरकार कर रही है।

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