Edited By Kalash,Updated: 01 Feb, 2025 02:02 PM
स्वास्थ्य विभाग के अधीन संचालित जिला स्तरीय सिविल अस्पताल अब मरीजों के उपचार के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा भी प्रदान कर रहा है।
अमृतसर : स्वास्थ्य विभाग के अधीन संचालित जिला स्तरीय सिविल अस्पताल अब मरीजों के उपचार के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा भी प्रदान कर रहा है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों की तरह एम.बी.बी.एस. छात्र उच्च शिक्षा के लिए सिविल अस्पताल में डी.एन.बी. कोर्स में दाखिला लेने में भारी रुचि दिखा रहे हैं। डी.एन.बी. के छात्र अस्पताल के कुशल प्रशासक डा. स्वर्णजीत धवन के मार्गदर्शन में शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक स्तर पर मरीजों के इलाज में विशेषज्ञता हासिल कर रहे हैं। वर्तमान में उक्त 200 बिस्तरों वाले अस्पताल में पाठ्यक्रम के तहत 15 छात्र अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, डी.एन.बी. (डिप्लोमा ऑफ नेशनल बोर्ड) भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय चिकित्सा परीक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त एक कोर्स है। इस तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में छात्रों को एम.बी.बी.एस. के बाद की पढ़ाई के साथ-साथ व्यावहारिक कार्य का अनुभव भी प्राप्त होता है।
पंजाब में पहले छात्रों को एम.बी.बी.एस. के बाद उच्च शिक्षा के लिए सरकारी मैडीकल कॉलेजों में जाना पड़ता था, लेकिन भारत सरकार ने छात्रों को समय के साथ अपडेट करने के लिए एक विशेष योजना के तहत पंजाब के अच्छे अस्पतालों में डी.एन.बी. कोर्स शुरू किए हैं।
डी.एन.बी. कोर्स में एक विशेषज्ञ होता है और डॉक्टर इस कोर्स को केवल सुपर स्पैशलिस्ट के लिए ही करते हैं। अस्पताल के प्रभारी डा. स्वर्णजीत धवन के नेतृत्व में चलने वाला यह अस्पताल मरीजों को बेहतरीन सेवाएं देने का दावा करता है और जब से डा. धवन ने अस्पताल का कार्यभार संभाला है, मरीजों और पंजाब के कल्याण के लिए काम शुरू हो गया है। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर पर मरीजों तक पहुंचे, इसके लिए पूरा अमला गंभीरता से काम करता नजर आ रहा है। वहीं दूसरी तरफ मैडीकल कॉलेज जिला स्तरीय सिविल अस्पताल में विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं और मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा रहा है।
सिविल अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. स्वर्णजीत धवन ने बताया कि भारत सरकार ने विभिन्न राज्यों से विद्यार्थियों को डी.एन.बी. कोर्स के लिए भेजा जा रहा है। बहुत अच्छे माहौल में वे छात्रों के उपचार में मददगार साबित हो रहे हैं और उनके लक्ष्य को प्राप्त करने में भी सहायक साबित हो रहे हैं। हर साल 15 छात्र इस कोर्स में दाखिला लेने आते हैं और तीन साल के इस कोर्स में छात्र पूरी लगन और मेहनत से मरीजों का इलाज करते हैं। अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी भी पूरी लगन से काम करते हैं। डी.एन.बी. कोर्स के तहत सात छात्रों को बाल चिकित्सा विभाग, चार छात्रों को गायनी विभाग व चार छात्रों को एन.एस.सी.सी.आई.ए. में सीटें मिली हैं। छात्र अपने-अपने विभागों में अपने वरिष्ठों के मार्गदर्शन में तथा समय-समय पर कार्य कर रहे हैं। पहले सिविल अस्पताल मरीजों के इलाज का केंद्र था, लेकिन अब यह शिक्षण संस्थान भी बन गया है। 200 बिस्तरों वाले इस अस्पताल की ओ.पी.डी. में प्रतिदिन 1000 से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं।
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