Edited By Vatika,Updated: 07 Jun, 2024 02:18 PM
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में एक और बात सामने आई है कि कुल 80 सीटों में से जो 36 सीटें भाजपा जीती है,
जालंधर(अनिल पाहवा): उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में एक और बात सामने आई है कि कुल 80 सीटों में से जो 36 सीटें भाजपा जीती है, उनमें से 16 सीटों पर पार्टी को बसपा ने फायदा दिलाया है। बेशक बसपा खुद कोई सीट नहीं जीती, लेकिन इसके बाद भी भाजपा को सफलता दिलाने में कही न कहीं अहम भूमिका निभा गई। जिन 16 सीटों पर पार्टी को फायदा हुआ, उनमें से 14 सीटों पर सीधे भाजपा और 2 अन्य सीटों पर राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल दोनों को सफलता मिली। अगर बसपा प्रमुख मायावती इंडिया गठबंधन के साथ होती और ये सीटें इंडिया गठबंधन के पाले में चली जाती तो देश भर में सामने आया कुल सीटों का आंकड़ा कुछ और होता। बसपा प्रमुख मायावती ने किस तरह से सपा तथा कांग्रेस का खेल बिगाड़ा, आईए समझने की कोशिश करते हैं-
अलीगढ़ सीट
इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी सतीश कुमार गौतम जीते, जबकि यहां पर जीत का अंतर केवल 15647 मतों का था। इस सीट पर बसपा के उम्मीदवार हितेंद्र कुमार 1,23,000 से ज्यादा वोट लेने में सफल रहे, जिसने जीत का मार्जिन कम कर दिया।
अकबरपुर
अकबरपुर लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी दविंद्र सिंह 44000 के करीब मतों से जीते। भाजपा प्रत्याशी को 5,17,423 वोट पड़े, जबकि समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राजा राम को 4,73,078 वोट पड़े। बसपा उम्मीदवार को यहां पर 73,140 वोट मिले, अगर इस सीट पर बसपा और सपा साथ लड़े होते तो भाजपा हार सकती थी, लेकिन बसपा ने यहां भी अलग लड़कर भाजपा को फायदा दे दिया।
बिजनौर
इसी प्रकार बिजनौर सीट पर राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार चंदन चौहान को 4,04,493 वोट मिले और समाजवादी पार्टी को 3,66,985 वोट मिले, जबकि बसपा को 2,18,986 वोट मिले। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार 37,000 मतों से जीता, लेकिन अगर बसपा सपा के साथ मिलकर लड़ी होती तो जो वोट बसपा को मिला वह बंट गया होता।
मेरठ
मेरठ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार भाजपा उम्मीदवार से केवल 10,000 मतों से हार गया। यहां पर भी बसपा ने 87,000 से अधिक मत लिए और यही मत भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल की जीत का कारण बने। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश की उन्नाव, अमरोह, फतेहपुर सीकरी, शाहजहांपुर, फूलपुर, मिसरिख, मिर्जापुर, हरदोई, फरूखाबाद, भदोही, बांसगांव जैसी सीटों पर भी बसपा के उम्मीदवारों को मिले वोट के कारण भाजपा के प्रत्याशी जीत गए।