नगर निगम चुनावों से पहले बड़ा दांव खेलने की तैयारी में मान सरकार, ले सकती है बड़ा फैसला

Edited By Vatika,Updated: 22 May, 2023 09:51 AM

mann government election

नावों के कारण ज्यादातर लोगों को लाभ नहीं मिल पाया था। इसके बाद 2017 में तत्कालीन कैप्टन सरकार के समय से कई निकाय संस्थाएं ऐसी हैं

चंडीगढ़: पंजाब में नगर निकायों की जमीन किराए या लीज पर लेकर कारोबार कर रहे या 12 वर्षों से मकान बनाकर रह रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। उन्हें उन जमीनों का मालिकाना हक देने के लिए प्रक्रिया दोबारा शुरू करने पर विचार चल रहा है। ये मालिकाना हक विधानसभा में पारित हुए एक कानून के तहत दिए जाने हैं, जिसे पहले 2015 में शिअद-भाजपा सरकार ने पारित किया था और फिर कुछ बड़े बदलावों के साथ कांग्रेस की कैप्टन सरकार के वक्त इसे दोबारा पारित किया गया था। 

एक्ट के पारित होने के बाद कई स्थानीय निकाय संस्थाओं द्वारा प्रस्ताव पारित करके अपने-अपने क्षेत्र में किराएदारों को मालिकाना हक दिए भी गए थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के कारण जनवरी में कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने और फिर सरकार बदलने के कारण यह प्रक्रिया थम गई थी। अब, राज्य में कई नगर निगमों व स्थानीय निकायों के होने वाले चुनावों से पहले मान सरकार इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू करके शहरी इलाकों में माहौल बदलने की तैयारी कर रही है।

दिसम्बर 2016 में तत्कालीन शिअद-भाजपा सरकार ने इस संबंध में ‘पंजाब म्युनिसिपैलिटी (वेस्टिंग ऑफ प्रॉपर्टी राइट्स) स्कीम, 2016 के तहत वन टाइम पॉलिसी नोटिफाई की थी, जिसके तहत स्थानीय निकाय संस्थाओं की दुकानों या जमीनों पर मकान बनाकर 20 वर्ष से रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिए जाने थे। पॉलिसी में संबंधित व्यक्ति की आय के हिसाब से मूल्य तय किए जाने थे। इस पॉलिसी का चुनावों के कारण ज्यादातर लोगों को लाभ नहीं मिल पाया था। इसके बाद 2017 में तत्कालीन कैप्टन सरकार के समय से कई निकाय संस्थाएं ऐसी हैं, जिनके प्रस्ताव अप्रूवल के लिए राज्य सरकार के स्तर पर लंबित पड़े हैं। 

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