Edited By Subhash Kapoor,Updated: 30 Dec, 2021 04:25 PM

राज्य में विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों व किसान नेताओं में चुनावी मैदान में उतरने को लेकर हलचल पैदा हो गई है, वहीं कीर्ति किसान यूनियन ने राज्य की सियासत से किनारा कर लिया है। उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने से मना कर दिया है।
चंडीगढ़ : राज्य में विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों व किसान नेताओं में चुनावी मैदान में उतरने को लेकर हलचल पैदा हो गई है, वहीं कीर्ति किसान यूनियन ने राज्य की सियासत से किनारा कर लिया है। उन्होंने चुनावी मैदान में उतरने से मना कर दिया है। यूनियन के राज्य प्रधान निरभै सिंह ढुड्डी ने कहा कि हमारी जत्थेबंदियां पंजाब विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
कीर्ति किसान यूनियन ने कहा है कि हमारा कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ेगा। उनके नेताओं ने सियासत से किनारा कर लिया है। उन्होंने ऐलान किया है कि संयुक्त समाज मोर्चा से हमारा को संबंध नहीं है। यूनियन के सदस्यों ने चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया है और अन्य किसान नेताओं से भी कदम वापस लाने की अपील की है। कीर्ति किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि अभी किसानों की लड़ाई लड़नी बाकी है। इसलिए जिन किसान नेताओं ने चुनाव लड़ने की तैयारी की है, वे एक बार फिर से इस पर विचार कर लें। उन्होंने कहा कि वे 15 जनवरी तक किसानों के फैसले का इंतजार करेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे अभी खत्म नहीं हैं, अभी अन्य मुद्दे भी रहते हैं, जिनका हल निकालने के लिए हमारा सहयोग जरूरी होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कृषि बिल दोबारा लाने संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से रद्द किए बिल दोबारा लाए जाएंगे तो पहले से भी ज्यादा बुलंद आवाज उठेगी।
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