Edited By Kamini,Updated: 24 Dec, 2024 06:08 PM
कोर्ट ने 32 साल पुराने मामले में पूर्व एसएचओ को कड़ी सजा सुनाई है।
पंजाब डेस्क : मोहाली के एक विशेष सीबीआई कोर्ट ने 32 साल बाद एक केस में न्याय दिया है। इस मामले में SHO को 10 साल जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने लगभग 32 साल पुराने अपहरण, अवैध हिरासत और गायब होने के मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पुलिस स्टेशन सरहाली (तरनतारन) के पूर्व SHO सुरिंदरपाल सिंह को आरोपी ठहराया है और उन्हें 10 साल की सजा सुनाई है।
इस मामले में नामजद जांच अधिकारी ASI अवतार सिंह की मौत हो चुकी है। कोर्ट ने आरोपी थानेदार को धारा 364 के तहत 10 साल कैद और 2 लाख रुपये, धारा 120-बी के तहत 10 साल कैद और 2 लाख रुपये, धारा 365 के तहत 7 साल कैद और 70 हजार रुपये जुर्माना, धारा 342 के तहत 3 साल की कैद और एक लाख रुपये का जुर्माने का सजा सुनाई है। गौरतलब है कि, सुरिंदरपाल सिंह पहले से ही जेल में है जिस पर 31 अक्टूबर 1990 को स्वतंत्रता सेनानी सुलक्खन सिंह और उनके दामाद सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लोपोके (तरनतारन) के वाइस प्रिंसिपल सुखदेव सिंह को अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप है। सुलक्खन सिंह स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बाबा सोहन सिंह भकना के करीबी सहयोगियों में से एक थे।
ये है पूरा मामला
उक्त पूरा मामला अक्तूबर 1992 का है। पीड़ित परिवार के वकीलों ने कहा कि जिस थानेदार ASI अवतार सिंह ने 31 अक्तूबर को सुलक्खन सिंह (80 वर्षीय) और उसके दामाद सुखदेव सिंह को उठाया था, उसने पीड़ित परिवार को बताया था कि सुलक्खन सिंह और सुखदेव सिंह को SHO सुरिंदरपाल सिंह ने पूछताछ के लिए बुलाया है। दोनों को 3 दिन तक अवैध हिरासत में रखा गया और बाद में उनका कुछ पता नहीं चला। 2003 में, कुछ पुलिस कर्मियों ने सुखवंत कौर से संपर्क किया और उनसे खाली दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा लिए और कुछ दिनों बाद सुखदेव सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र सौंप दिया, जिसमें 8 जुलाई 1993 को उनकी मृत्यु की बात की गई था।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here