ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार की सख्त चेतावनी, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के लिए लागू हुए ये नए नियम

Edited By Urmila,Updated: 03 May, 2025 12:07 PM

joint sub registrar property registration rules

लुधियाना के सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में तैनात ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्रेशन कार्य से जुड़े अर्जीनवीस और वकीलों को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए उन्हें कड़ी चेतावनी दी।

जालंधर (चोपड़ा): लुधियाना के सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में तैनात ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्रेशन कार्य से जुड़े अर्जीनवीस और वकीलों को स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए उन्हें कड़ी चेतावनी दी कि यदि कोई भी अर्जीनवीस या वकील अधूरी जानकारी या बिना दस्तावेजों के साथ रजिस्ट्री कराने की कोशिश करता है तो उसके विरुद्ध बनती कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी उस पृष्ठभूमि में आई है, जब लगातार यह देखने में आ रहा था कि कई बार रजिस्ट्रियों के साथ जरूरी दस्तावेज अधूरे होते हैं, जिससे न केवल प्रक्रिया बाधित होती है बल्कि आम जनता को भी अनावश्यक परेशानी उठानी पड़ती है।

अधूरी फोटो और दस्तावेज बन रहे समस्या की जड़

ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार ने कहा कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में लगाए जाने वाले प्रॉपर्टी फोटो अकसर इतने नजदीक से लिए जाते हैं कि उससे प्रॉपर्टी की स्पष्ट स्थिति का अंदाजा नहीं लगता। इस स्थिति को सुधारते हुए उन्होंने आदेश दिए कि अब से रजिस्ट्री दस्तावेज के साथ प्रॉपर्टी की पूरी फोटो, जिसमें आसपास की संपत्तियों और लोकेशन का स्पष्ट विवरण हो, अनिवार्य रूप से संलग्न किया जाए। इसके साथ दोनों संबंधित पक्षों खरीदार और विक्रेता की तस्वीर भी फोटो में होनी चाहिए ताकि बाद में किसी भी प्रकार की विवाद की स्थिति में सबूत के तौर पर काम आ सके।

छोटे प्लॉट्स के लिए विशेष निर्देश

2 मरला से कम भूमि की रजिस्ट्री के मामलों में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार ने कहा कि ऐसे मामलों में लोकेशन, साइट प्लान और लाइसेंसशुदा नक्शा नवीस द्वारा अटैस्ट किया गया नक्शा साथ लगाना अनिवार्य होगा। ये सभी दस्तावेज यह सिद्ध करने के लिए जरूरी हैं कि जमीन की सही स्थिति क्या है और उसका सटीक आकार कितना है।

फर्द और मलकीयत प्रमाण पत्र और वसूली की फीस की रसीद लगाना अनिवार्य

रजिस्ट्री के साथ लगाई जाने वाली फर्द 15 दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए और उसकी असल कापी साथ लगाई जाए। इसके अलावा संपत्ति के मालिकाना हक को प्रूफ करने वाले सभी दस्तावेज भी साथ में लगाना जरूरी होगा। इसके अतिरिक्त अर्जीनवीस और वकील द्वारा आवेदक से ली गई फीस की रसीद दस्तावेजों के साथ लगाई जाए। उन्होंने कहा कि ध्यान रखा जाए कि कोई भी रजिस्ट्री जिला कलैक्टर द्वारा निर्धारित रेट से कम दर पर न लिखी जाए। रजिस्ट्री प्रक्रिया में अब सरकार द्वारा निर्धारित फॉर्म-1 और स्व-घोषणा पत्र को अनिवार्य रूप से लगाना होगा।

आई.डी. प्रूफ और मोबाइल नंबर जरूरी

ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी पक्षों खरीदार और विक्रेता के पहचान पत्रों की सेल्फ अटेस्टेड कॉपियां, उनके मोबाइल नंबरों के साथ दस्तावेज में स्पष्ट रूप से अंकित होनी चाहिए। ऐसा करने से बाद में किसी भी पक्ष से संपर्क करना आसान होगा और संभावित धोखाधड़ी की रोकथाम की जा सकेगी।

बयाना में लिखी रकम से कम मूल्य पर रजिस्ट्री नहीं होगी

अधिकारियों ने चेताया कि कई बार यह देखने में आया है कि जमीन या संपत्ति की खरीद-फरोख्त में ‘बयाना’ पहले से हो चुका होता है, लेकिन रजिस्ट्री के समय दिखाए गए मूल्य में अंतर होता है। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार ने कहा कि यदि किसी भी सौदे में बयाना हो चुका है तो रजिस्ट्री की कीमत बयाना में दी गई राशि से कम नहीं होनी चाहिए। इससे रैवेन्यू लॉस को रोका जा सकेगा और पारदर्शिता बनी रहेगी।

एन.ओ.सी. और पता स्पष्ट हो

रजिस्ट्री के साथ प्रॉपर्टी की एनओसी अनिवार्य रूप से लगानी होगी। इसके अलावा दस्तावेजों में दोनों पक्षों का पूरा पता, गली, मोहल्ला, शहर, पिन कोड सहित स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए। अधूरे पते के मामले में दस्तावेज अधूरा माना जाएगा और रजिस्ट्री की प्रक्रिया नहीं की जाएगी।

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