Edited By Vatika,Updated: 21 Apr, 2025 11:26 AM

इस स्कीम का लक्ष्य 2027 तक देश के 169 शहरों में 50 हजार
जालंधर (खुराना): केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम ई-बस सेवा स्कीम के तहत जालंधर शहर में जल्द ही 97 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी। इस स्कीम का लक्ष्य 2027 तक देश के 169 शहरों में 50 हजार इलैक्ट्रिक बसें चलाना है, जो अगले 10 वर्षों तक पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर संचालित होंगी। कुछ माह पहले हुए सर्वे के मुताबिक जालंधर में ये बसें 12 रूट्स पर चलेंगी, जिसके लिए नगर निगम ने इंफ्रास्ट्रक्चर डिवैल्प करना शुरू कर दिया है। नगर निगम ने लम्मा पिंड वर्कशॉप और निगम मुख्यालय के निकट खाली भूमि पर बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 11.67 करोड़ रुपए के टैंडर जारी किए गए हैं, जो 6 मई को खुलेंगे। सिविल वर्क और केबल इंस्टॉलेशन सहित सभी कार्य तीन महीनों में पूरे करने के निर्देश दिए गए हैं। खास बात यह है कि पंजाब सरकार ने इस स्कीम के लिए बजट में प्रावधान कर दिया है। इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होने के बाद निगम केंद्र सरकार से बसों की मांग करेगा। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो इस साल के अंत तक जालंधर की सड़कों पर इलैक्ट्रिक बसें चलने लगेंगी।
तीन साइज की बसें, 12 रूट्स पर संचालन
जालंधर के लिए डिजाइन किए गए प्रोजैक्ट के अनुसार, शहर में 12 मीटर, 9 मीटर और 7 मीटर लंबी तीन साइज की इलैक्ट्रिक बसें चलेंगी, जो केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी। जालंधर स्मार्ट सिटी ने हाल ही में एक कंसल्टेंसी कंपनी से सर्वे करवाकर बस रूट्स और अन्य प्रक्रियाओं के लिए डीपीआर तैयार की थी, जिसके कुछ बिंदुओं पर केंद्र सरकार की टीम के साथ चर्चा की गई और कुल 12 रूट्स का चयन किया गया।
24 करोड़ का प्रोजैक्ट, निगम को 40 प्रतिशत ही खर्च करना होगा
इस प्रोजैक्ट के तहत जालंधर में बस स्टेशनों और चार्जिंग प्वाइंट्स के लिए करीब 24 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। केंद्र सरकार इस खर्च का 60 प्रतिशत वहन करेगी, जबकि 40 प्रतिशत राशि जालंधर नगर निगम को देनी होगी। खास बात यह है कि 97 बसों की खरीद के लिए केंद्र सरकार ने टैंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसकी पूरी लागत केंद्र वहन करेगा।
पहले भी चली थीं सिटी बसें, निगम की लापरवाही से बंद हुईं
10-12 साल पहले अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल में जालंधर में सिटी बस सेवा शुरू की गई थी, जिसने कुछ समय तक शहरवासियों को सस्ती और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रदान की थी। हालांकि, निगम की लापरवाही और अन्य समस्याओं के कारण यह सेवा बंद हो गई थी। अब इस नए प्रोजैक्ट के साथ शहरवासियों को उम्मीद है कि बेहतर मैनेजमैंट के साथ यह सेवा लंबे समय तक चलेगी। मेयर वनीत धीर भी इस प्रोजैक्ट हेतु लगातार प्रयास कर रहे हैं ।