Edited By Urmila,Updated: 29 Mar, 2023 05:16 PM

बठिंडा की हाई सिक्योरिटी जेल जो शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है, के पास जाना आसान नहीं।
बठिंडा : बठिंडा की हाई सिक्योरिटी जेल जो शहर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर है, के पास जाना आसान नहीं, रास्ते में आधा दर्जन नाकाबंदी ओर पल-पल नजर बिछाए बैठे पुलिस के जवान तैनात रहते है। जेल का जिम्मा बी.एस.एफ. कमांडर से डेपुटेशन पर आए जेल अधीक्षक एन.डी. नेगी के हवाले है जो अपनी ड्यूटी के प्रति सजग व वफादार है। जब से उन्होंने जेल अधीक्षक का पद संभाला है बेशक घटनाएं हो रही है लेकिन फिर भी नियंत्रण में है। 24 घंटे मौत के छाए में ड्यूटी निभा रहे नेगी को बेशक गैंगस्टर की ओर से धमकियां व गालियां मिलती है लेकिन फिर भी वह मुस्कराते हुए सहन कर लेते है।
लॉरेंस बिश्नोई से लेकर जग्गू भगवानपुरिया तक के शूटर व गैंगस्टर बठिंडा जेल में बंद है जिन पर काबू पाना आसान नहीं, फिर भी वह उनके बीच रहते है। वहीं जेल में 60 कुख्यात गैंगस्टरों व 1700 से अधिक कैदी बंद हैं। पंजाब केसरी टीम ने केन्द्रीय जेल बठिंडा का दौरा किया ओर जेल अधीक्षक एन.डी. नेगी से जेल की बारीकियों बारे जानकारी हासिल की। जैसा कि संभावना व्यक्त की जाती थी कि केन्द्रीय जेल में दीवार के पीछे से नशा, मोबाइल या अन्य सामग्री फैंकी जाती है को उन्होंने सीरे से खारिज कर दिया। उन्होंने बताया कि जेल के चारों ओर 18 टॉवर चेक पोस्टें बनी हुई है वहां 24 घंटे हथियारबंद कर्मचारी पहरा देते है।
रात के अंधेरे में फल्ड लाइटों का प्रबंध है ओर उन्हें दूरबीन तक मुहैया करवाई गई है। इसके अलावा जेल की 25 फीट ऊंची दीवारें है बीच में 18 फीट का रास्ता फिर 20 फीट की दीवार, जिसे भेदना मुमकिन नहीं। उन्होंने माना कि जेल के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से ही बीड़ी सीगरेट तो जा सकता है परन्तु नशा नहीं। मुलाकात करने के लिए कैदियों से पहले तीन लोगों की लिस्ट जाती है उससे पहले किसी को भी मिलने की आज्ञा नहीं। उनके बीच की दूरी भी 2 फीट की होती हैं जालियों के बीच से ही देख सकता है।
कोई भी सामान आता है कैदियों तक पहुंचाने के लिए जिनमें कपडे़ आदि होते है उन्हें पूरी तरह स्कैन कर जाने दिया जाता है। यहां तक कि मैस में पकने वाले खान पान वस्तुओं के सामान को भी स्कैनर से गुजरना पड़ता है। नेगी ने बताया कि हर पल व हर चीज पर 24 घंटे नजर रहती है जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता।
जेल की सुरक्षा के लिए मानव स्कैनर की जरूरत
जेल अधीक्षक का कहना है कि 60 जेल कर्मचारियों व 3 अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों के साथ जेल की सुरक्षा कड़ी है लेकिन मानव स्कैनर की जरूरत है। जैसा कि एयरपोर्ट पर होता है, शरीर के भीतरी भाग में कोई भी सामान छिपाकर नहीं ले सकता, जेल में भी ऐसा होना चाहिए। जेल से मोबाइल के चलन को लेकर भी उन्होंने कहा कि शक्तिशाली जैमर लगे हुए हैं बाहरी व्यक्ति से मोबाइल पर बात करना असंभव है। पी.सी.ओ. से परिजनों व वकील से बात करवाने के लिए 10 मिनट का समय सप्ताह में कैदी को एक बार मिलता है जिसकी रिकार्डिंग व कड़ी नजर रखी जाती है।
लॉरेंस बिश्नोई के बारे में उन्होंने बताया कि उसका नाम बेशक भारत ही नहीं विदेशों में चर्चित है लेकिन उसकी आदतों का भी उन्होंने खुलासा किया। कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई मंगलवार को मौन व्रत रखता है, रोजाना सुबह हनुमान चालीसा का पाठ, शाम को सुंदर कांड का पाठ किए बिना सोता नहीं। नवरात्रों पर भी वह व्रत रखता है लेकिन किसी से भी ऊंचे लहजे में बात नहीं करता।
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