दोआब नहर से बड़े पैमाने पर रेत की चोरी, मौके पर पकड़े ट्रैक्टर-ट्रॉली

Edited By Vatika,Updated: 28 Oct, 2024 05:05 PM

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दोआब नहर से बड़े पैमाने पर रेत की चोरी की खबर आई है।

गुरदासपुर (विनोद): गुरदासपुर जिले में गुरदासपुर पिंडोरी रोड पर गाजीकोट और तिबड़ी इलाकों से गुजरने वाली ऊपरबारी दोआब नहर से बड़े पैमाने पर रेत की चोरी की खबर आई है।

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नहर के आसपास रहने वाले निवासियों ने बताया कि देर रात नहर से बड़ी संख्या में रेत से भरी टै्रक्टर-ट्रॉलियां आती हैं और रेत भर कर गुरदासपुर शहर की ओर जाती हैं। लेकिन खनन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक नहर विभाग की ओर से उनसे कोई शिकायत नहीं की गई है। नहरी विभाग की संपत्ति होने के कारण इसकी जिम्मेवारी नहर विभाग की बनती है, लेकिन देर रात रेत चोरी की सूचना मिलने के बाद खनन विभाग अपने स्तर से लगातार छापेमारी कर रहा है। गत रात ज्वालापुर गांव के पास छापेमारी भी की गयी, लेकिन खननकर्ता मौके पर से भागने में सफल हो गए। खनन विभाग के अधिकारियों मौके पर से खाली टोकरियां आदि बरामद की।

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एकत्रित जानकारी के अनुसार गाजीकोट, ज्वालापुर, तिबड़ी व नहर किनारे के अन्य गांवों के पास रात के समय नहर से भारी मात्रा में रेत निकाली जाती है। अंधेरे का फायदा उठाकर रेत खनन माफिया अपने लोगों को टोकरियों में भरकर रेत चोरी करवाते हैं। बाद में वहां से रेत को टै्रक्टर-ट्रॉलियों में भरकर दूसरी जगह भेजा जाता है। फिलहाल नहर में पानी नही छोड़ गया है और खनन माफिया इसी ताक में रहते हैं। पानी बंद होने के कुछ दिन बाद जब पानी पूरी तरह सूख जाता है तो ये रेत चोरी करने वाले लोग अपना काम शुरू कर देते हैं और बड़े पैमाने पर रेत चोरी कर लाखों रुपए कमाते हैं। पहले नहरी विभाग नहरों से रेत निकालने का ठेका देता था, परंतु सरकार ने इस ठेका प्रणाली पर पाबंधी लगा रखी है। लेकिन नहरों से रेत की चोरी के कारण नहर की गहराई बढ़ जाती है और पानी का प्रवाह अधिक होने से नहर के किनारों के टूटने का खतरा बना रहता है। परिणाम यह होता है कि नहर के किनारे कमजोर होने से यह नहर किनारों पर भूमि कटाव आम बात हो जाती हैं। इसलिए पंजाब व हरियाणा हाइर्कोट ने नहरों से रेत खनन पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा रखा हैं।

क्या कहना है नहर किनारे बसे लोगों का:-
जब तिबड़ी नहर के आसपास रहने वाले लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि नहर से रोजाना देर रात रेत से भरी ट्रॉलियां निकलती हैं। सूचना मिलने पर जब नहर का दौरा किया गया तो देखा गया कि नहर में चार-पांच फीट तक गहरे गड्ढे खोदे गए थे और किनारे पर कई स्थानों पर नहर में प्रवेश करने के लिए खननकर्ताओं द्वारा रास्ते भी बनाए गए थे। जहां से यह इससे साफ है कि नहर से बड़े पैमाने पर रेत की चोरी की जा रही है। इसकी सूचना खनन विभाग के अधिकारियों को भी मिली, जिसके बाद उन्होंने भी एक रात ज्वालापुर गांव के पास छापेमारी की। माइनिंग विभाग के एक्सीएन दिलप्रीत सिंह का कहना है कि जब माइनिंग विभाग की टीम नहर में दाखिल हुई तो कुछ लोग फावड़े से नहर से रेत खोदकर टोकरियों में भर रहे थे, लेकिन अंधेरा होने के कारण वे भागने में कामयाब हो गए। मौके से कुछ टोकरियां और फावडेे बरामद किए गए ।

कल रात फिर से योजना बनाकर खनन टीमों ने गाजीकोट और तिबड़ी में छापा मारा और गाजीकोट के पास नहर से रेत से भरी दो ट्रॉलियां जब्त की गईं और थाना पुराना शाला की पुलिस को दी गइ हैं। जबकि एक अन्य ट्रॉली तिबड़ी गांव के पास से लावारिस नहर में खड़ी पकड़ कर पुलिस को सौंपी गइ। पुलिस आरोपियों के विरूद्व बनती कारवाइ करेगी। अधिकारी का कहना है कि नहर से रेत चोरी की शिकायत नहरी विभाग से की जानी चाहिए, क्योंकि यह नहरी विभाग की पहली जिम्मेदारी है, लेकिन विभाग की ओर से अब तक खनन विभाग से कोई शिकायत नहीं की गयी है। उधर, नहर विभाग के अधिकारी एक्सीयन गगनदीप सिंह से बात की गइ तो उन्होने कहा कि मैं कुछ नही बता सकता क्योंकि मैने कुछ दिन पहले ही कार्यभार संभाला है।
 

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