Edited By Kalash,Updated: 06 Apr, 2025 10:56 AM

जालंधर नगर निगम एक बार फिर अवैध निर्माणों के मुद्दे को लेकर चर्चा में है।
जालंधर (खुराना): जालंधर नगर निगम एक बार फिर अवैध निर्माणों के मुद्दे को लेकर चर्चा में है। सैंट्रल और कैंट विधानसभा क्षेत्रों में अवैध बिल्डिंगों के जरिए वसूली का खेल जोरों पर है, जिसमें निगम के कुछ कर्मचारी और राजनीति से जुड़े लोग शामिल बताए जा रहे हैं। यह मामला अब मेयर वनीत धीर के संज्ञान में आ गया है और जल्द ही इन क्षेत्रों में बड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है।
पिछले दो सालों में अफसरशाही के राज के दौरान सभी विधानसभा क्षेत्रों में सैकड़ों अवैध निर्माण हुए, जिन पर अब जाकर निगम ने सख्ती शुरू की है। वैस्ट क्षेत्र में कई अवैध इमारतों को नोटिस जारी किए गए हैं और कार्रवाई का दौर जारी है। लेकिन सैंट्रल और कैंट क्षेत्रों में निगम की चुप्पी से विवाद बढ़ता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, इन इलाकों में अवैध निर्माणों का जाल फैला हुआ है और यह सिलसिला कई महीनों से चल रहा है। मेयर वनीत धीर के पास शिकायतों का अंबार लगने के बाद अब दबाव बढ़ गया है। मेयर ने साफ संकेत दिए हैं कि बिल्डिंग विभाग पर शिकंजा कसा जाएगा। इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया है, जिससे आम आदमी पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
रणजीत नगर से हुई शुरूआत, कैंट में भी कार्रवाई तेज
मेयर ने सैंट्रल और कैंट क्षेत्रों में अवैध निर्माणों पर सख्त कदम उठाने का मन बना लिया है। इसकी शुरुआत रणजीत नगर में अवैध रूप से बन रहे एक कमर्शियल कॉम्प्लेक्स को सील करने से हो चुकी है, जिसे कथित तौर पर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। कैंट क्षेत्र में भी निगम की टीम ने कई अवैध निर्माणों को सील कर दिया है। आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में डिच मशीन चलने और सीलिंग की संभावना प्रबल हो गई है।
माना जा रहा है कि मेयर पर अब निगम की छवि बचाने और अवैध निर्माणों पर लगाम लगाने की दोहरी जिम्मेदारी है। सूत्रों का कहना है कि मेयर जल्द ही अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्ती बरतेंगे, ताकि इस खेल को रोका जा सके। शहर निवासियों का भी कहना है कि निगम को सभी क्षेत्रों में एकसमान नीति अपनानी चाहिए, ताकि अवैध निर्माणों पर पूरी तरह रोक लग सके। अब सबकी नजर मेयर वनीत धीर के अगले कदम पर टिकी है।
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