भारतीय सेना के जवान ने कायम की मिसाल, आर्मी अस्पताल जालंधर ने रचा इतिहास

Edited By Kamini,Updated: 24 Mar, 2025 09:14 PM

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देश की रक्षा के लिए जुटे भारतीय सेना के जवान दुश्मनों का मुकाबला करने में कोई कमी नहीं छोड़ते, फिर वो चाहे दुश्मन कैसा भी हो।

जालंधर (अनिल पाहवा) : देश की रक्षा के लिए जुटे भारतीय सेना के जवान दुश्मनों का मुकाबला करने में कोई कमी नहीं छोड़ते, फिर वो चाहे दुश्मन कैसा भी हो। सेना के जवान सिर्फ सीमा पर ही नहीं, बल्कि अपनी सामाजिक जीवन में भी लोगों की रक्षा तथा सेवा करने में पीछे नहीं हटते। ऐसा ही एक मामला जालंधर छावनी में सामने आया है, जहां पर आर्मी के एक जवान ने अपनी मां के आर्गन दान करने का कठोर निर्णय लिया तथा कुछ लोगों के लिए नया जीवन देने में भी अहम भूमिका निभाई। सेना के इस जवान के इस फैसले की सभी ओर सराहना हो रही है। इस महत्वपूर्ण कार्य में सेना के जवान की मदद सिविल प्रशासन से लेकर आर्मी के डाक्टरों ने पहल के आधार पर की ताकि उनकी मां के आर्गन जरूरतमंद को समय पर मिल सके।

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ब्रेनडैड हो चुका था जवान की मां का

सेना के एक जवान नायक राणा जो हिमाचल से संबंधित है, की मां पिछले कुछ समय से बीमार थी तथा जालंधर कैंट के मिलिट्री अस्पताल में इलाजरत्त थीं। करीब एक हफ्ते से उनका ब्रेन डैड था। इस समय में नायक राणा ने समाज सेवा का ऐसा परिचय दिया कि वर्षों तक याद रखा जाएगा। नायक राणा ने अपनी मां के आंतरिक महत्वपूर्ण अंग  दान करने का फैसला लिया। नायक राणा के फैसले को आर्मी के आला अधिकारियों ने स्वीकृति दे दी तथा दिल्ली के आर.आर. आर्मी हास्पिटल से बकायदा एक टीम आज जालंधर मिलिट्री अस्पताल पहुंची।

दिल्ली से आर्मी अस्पताल की टीम एयरक्राफ्ट से पहुंची जालंधर

दिल्ली से यह टीम विशेष एयरक्राफट से आदमपुर आई, जहां से सड़क मार्ग द्वारा जालंधर कैंट मिलिट्री अस्पताल पहुंची। अस्पताल के डॉक्टरों ने इस दौरान करीब एक घंटे से ज्यादा का आप्रेशन करके नायक राणा की मां की दोनों किडनी तथा आंखों का कोर्निया सुरक्षित निकाल कर दिल्ली से आई टीम को सौंप दिया। तय समय सीमा के अंदर इन सभी शारीरिक अंगों को दिल्ली अस्पताल ले जाया जाना था, जिसके लिए जिला प्रशासन की तरफ से दिल्ली से आई इस टीम को आदमपुर एयरपोर्ट तक ग्रीन कोरिडोर दिया गया। जिला प्रशासन तथा जिला पुलिस की इसमें अहम भूमिका रही। आदमपुर एयरपोर्ट से यह टीम रात करीब 11 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गई, जहां पर इन अंगों को जरूरतमंद लोगों के शरीर में लगाया जाएगा, ताकि उन्हें जीवन मिल सके।

पहली बार किसी जोनल मिल्ट्री अस्पताल में हुआ ऑर्गन ट्रांस्प्लांट का काम

यह पहला अवसर है, जब जालंधर कैंट हैडक्वार्टर 11 कार्प्स जोन और किसी भी जोनल मिलिट्री अस्पताल में आर्गन ट्रांसप्लांट के लिए इस स्तर पर काम किया गया हो। दिल्ली से आई टीम का नेतृत्व कर्नल प्रियरंजन ने किया, जबकि जालंधर मिलिट्री अस्पताल में ब्रिगेडियर के.के. आश्ता, कर्नल अनीरबन गुप्ता सीनियर रजिस्ट्रार, कर्नल विजय सिंह कनियाल, कर्नल पुनीत अग्रवाल, लैफ्टिनैंट कर्नल मोहिनी, लैफ्टिनैंट कर्नल नीमीश गौर, लैफ्टि. कर्नल रविकांत नायर तथा लैफ्टि. कर्नल अमित कामवत ने अहम भूमिका निभाई। इस पूरे मामले को लेकर जी.ओ.सी. 91, सब एरिया ब्रिगेडियर एस.के. सोल ने जहां नायक राणा तथा उनके परिवार का आभार जताया है, वहीं मिलिट्री अस्पताल जालंधर तथा आर.आर. आर्मी अस्पताल दिल्ली का भी आभार जताया है, जिन्होंने मानव सेवा की जिंदा मिसाल के तौर पर काम किया और इन आंतरिक अंगों को जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।

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