पंजाब में रजिस्ट्री करवाना हुआ मुश्किल! NOC को लेकर High Court के आए सख्त आदेश

Edited By Urmila,Updated: 28 Apr, 2025 12:57 PM

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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अवैध कॉलोनियों में हो रहे निर्माण कार्यों और प्लॉटों की बिक्री पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा आदेश दिया है।

जालंधर (चोपड़ा): पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने अवैध कॉलोनियों में हो रहे निर्माण कार्यों और प्लॉटों की बिक्री पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा आदेश दिया है कि राज्य भर में अब नो ऑब्जेक्शन सर्टीफिकेट (एन.ओ.सी.) के बिना किसी भी अवैध कॉलोनी में प्लॉटों की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी। हाईकोर्ट के ताजा आदेश से एक तरफ जहां अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्त संदेश गया है, वहीं दूसरी ओर आम जनता के सामने नई चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं।

इस आदेश के जारी होने से केवल जालंधर जिला में ही कुकुरमुत्तों की भांति पनप चुकी सैंकड़ों अवैध कॉलोनियों पर तलवार लटक गई है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद उन सैकड़ों कॉलोनियों में, जो बिना सरकारी मंजूरी के काटी गई हैं, में अगर कोई कॉलोनाइजर प्लाट बेचता है तो उनकी रजिस्ट्रियां नहीं की जा सकेंगी। इससे उन लोगों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है जो ऐसी कॉलोनियों में संपत्ति खरीदने या बेचने की योजना बना रहे थे।

जिक्र योग्य है कि जिले में हाल ही में तैनात हुए नए ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि एन.ओ.सी. के बिना किसी भी कॉलोनी में प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी। उन्होंने अपने-अपने कार्यालयों में इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों की मानें तो पहले कुछ स्थानों पर बिना एन.ओ.सी. के भी संपत्ति की रजिस्ट्री होती रही थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के कड़े निर्देशों के चलते अधिकारियों के पास कोई विकल्प नहीं बचा है। इससे अवैध कॉलोनियों में संपत्ति कारोबार लगभग ठप होने की आशंका है।

पंजाब सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है, जिसको लेकर चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने सरकार की मांग को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 19 मई तय की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि तब तक अवैध कॉलोनियों में बिना लाइसैंस के किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी।

हालांकि हाईकोर्ट ने सरकार को पहले भी निर्देश दिए थे कि वह पंजाब अपार्टमैंट एंड प्रॉपर्टी रैगुलेशन एक्ट, 1995 की धारा 20 (3) का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करे। इस धारा के तहत स्पष्ट किया गया है कि किसी कॉलोनी में जमीन, प्लॉट या बिल्डिंग का बिक्री समझौता तभी रजिस्टर्ड हो सकता है जब संबंधित कॉलोनी को संबंधित विभाग से लाइसैंस प्राप्त हो।

हाईकोर्ट में एक बार फिर से पहुंच, आखिर क्या है अवैध कॉलोनियों का मामला

यह मामला लुधियाना निवासी प्रेम प्रकाश की ओर से दायर जनहित याचिका के माध्यम से एक बार फिर से उजागर हुआ। उन्होंने याचिका में कहा कि पंजाब अपार्टमैंट एंड प्रॉपर्टी रैगुलेशन एक्ट के तहत अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों की बिक्री पर रोक है, बावजूद इसके बड़े पैमाने पर ऐसी कॉलोनियों में गैरकानूनी तरीके से प्लॉट बेचे और रजिस्टर्ड किए जा रहे हैं। अपीलकर्ता ने अदालत का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि अवैध कॉलोनियों के चलते न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान हो रहा है, बल्कि नागरिकों को भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस दिशा में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं।

हाईकोर्ट के आदेश से आम जनता की बढ़ेंगी परेशानियां

हाईकोर्ट के इस आदेश के चलते आम जनता की परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। जालंधर सहित पंजाब के कई जिलों में बड़ी संख्या में लोग अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीद चुके हैं या खरीदने की योजना बना रहे हैं। अब न तो उनके नाम रजिस्ट्री हो सकेगी और न ही वे बैंकों से ऋण प्राप्त कर सकेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि जिन लोगों ने बिना एन.ओ.सी. कॉलोनियों में निवेश किया है, उनके लिए यह फैसला आर्थिक संकट खड़ा कर सकता है। साथ ही, नए खरीदार भी अब निवेश से पीछे हट सकते हैं जिससे प्रॉपर्टी मार्कीट में मंदी आने की आशंका है।

अवैध कॉलोनियों में विकास कार्यों पर भी पड़ेगा असर

अवैध कॉलोनियों के चलते नगर निगमों और स्थानीय निकायों को भी भारी नुकसान हो रहा है। ऐसी कॉलोनियों में न तो सही तरीके से सड़कें बनती हैं और न ही सीवरेज या बिजली की सुविधाएं मिलती हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद यदि सरकार इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए सख्त नियम लागू करती है तो शायद आने वाले समय में योजनाबद्ध विकास संभव हो सके। क्योंकि अनप्रूव्ड कॉलोनियों में न तो नगर निगम की मंजूरी से निर्माण होता है और न ही कोई विकास शुल्क अदा किया जाता है। इसका सीधा असर शहरी ढांचे पर पड़ता है।

आम आदमी पार्टी की सरकार भी अवैध कॉलोनियों पर नहीं कस सकी नकेल

पंजाब में गत समय में विभिन्न पार्टियों की और मौजूदा आम आदमी पार्टी सरकार की लापरवाही के चलते राज्य भर में अवैध कॉलोनियों का जाल बिछ गया है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में बार-बार अवैध कॉलोनियों को रैगुलाइज करने की पॉलिसी लाकर सरकार ने अनअप्रूव्ड कालोनियों को उल्टा बढ़ावा दिया है, जबकि आवश्यकता सख्त कार्रवाई की थी।

गत सरकार की ढुलमुल नीतियों के चलते ही अवैध कॉलोनाइजरों के हौसले पूरी तरह से बुलंद हो चुके है और वह न तो हाईकोर्ट की कोई परवाह कर रहे हैं और न ही वही सरकार की गाइडलाइंस को कोई तवज्जो देते है। जबकि पंजाब में बदलाव लाने और भ्रष्टाचार मुक्त सेवाएं देने का वायदा करके सत्ता पर काबिज हुई आप सरकार के 3 साल के शासनकाल में भी अवैध कालोनियां धड़ाधड़ कटती जा रही है। इससे सरकार को करोड़ों रुपए का रैवेन्यू लॉस हो रहा है। अवैध कॉलोनियों का सारा खेल राजनीतिज्ञों और अधिकारियों की मिलीभगत से खेला जा रहा है। क्योंकि हरेक अवैध कालोनी से होने वाले प्रफिट का एक बड़ा हिस्सा ऐसे ही भ्रष्ट राजनीतिज्ञों और अधिकारियों की जेब में जाता है।

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